Lockdown: मदरसा वाले नहीं मान रहे लॉकडाउन, 600 छात्राओं को पुलिस ने ताला तोड़कर निकाला
Lockdown in India. परिजन बोले- छात्राओं को बंधक बनाया। मिलने भी नहीं दिया गया। मदरसे के मोहतमीम ने कहा कि परीक्षा के कारण छात्राओं को रोका गया।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 26 Mar 2020 06:27 AM (IST)
रांची, जासं। India Lockdown लॉकडाउन के बावजूद रांची के रातू थाना क्षेत्र के परहेपाट गांव के मदरसे में मंगलवार को शिक्षण कार्य जारी था। वहां करीब 600 छात्राएं पढ़ती हैं। मदरसे का दरवाजा बंद कर अंदर शिक्षण कार्य चल रहा था। मदरसे के संचालक पर बच्चियों को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगा है। छात्राओं के परिजनों ने कहा है कि मदरसा के संचालक से आग्रह किया गया, फिर भी बच्चियों को छुट्टी नहीं दी जा रही थी। बच्चियों से मिलने भी नहीं दिया गया।
इधर, मदरसा के मोहतमीम (मदरसा के प्रधानाध्यापक) अब्दुल्लाह अंसारी व सचिव इदरीश अंसारी ने बताया कि मदरसे में परीक्षा चल रही थी। इसी कारण छात्राओं को रखा गया था। बताया गया कि एक बच्ची ने किसी तरह फोन पर अपने परिजनों को सूचना दी थी कि उन्हें जबरन बंधक के तौर पर रखा गया है। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद ग्रामीण एसपी, रातू सीओ, रातू थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पुलिस-प्रशासन के पहुंचने पर गेट बाहर से बंद मिला। इसके बाद प्रशासन ने ताला तोड़कर सभी बच्चियों को बाहर निकाला। स्थानीय बच्चियों को घर भेजा गया। दूर में रहने वाली छात्राओं के परिजनों को सूचना देकर उन्हें भेजने की व्यवस्था की की जा रही है। पुलिस प्रशासन मदरसा संचालक पर लॉकडाउन उल्लंघन की एफआइआर दर्ज करा सकती है।
हालांकि, खबर लिखे जाने तक केस दर्ज नहीं किया गया था। मदरसे में पढऩे वाली बच्चियों के परिजनों ने पुलिस को बताया है कि बीते 18 मार्च को ही छुट्टी कर दी गई थी। लेकिन, बच्चियों को रोककर रखा गया था और उन्हें कहीं बाहर निकलने तक नहीं दिया जा रहा था।
'एक छात्रा के परिजन की ओर से सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मदरसे में पहुंची थी। इसके बाद बच्चियों को घर भेजने का निर्देश दिया गया। कुछ बच्चियां घर चली गईं। जो रांची शहर और बाहर की बच्चियां हैं, उन्हें भेजने की व्यवस्था की जा रही है।' ऋषभ कुमार झा, ग्रामीण एसपी, रांची।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।