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Jharkhand School News: झारखंड के सरकारी स्कूलों में इस भाषा में शुरू होगी पढ़ाई, टीचरों को किया जा रहा ट्रेन

झारखंड के 1040 सरकारी स्कूलो में बच्च अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे। इसको लेकर आठ जिलों के 45 शिक्षकों को रातू स्थित झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में एलएलएफ संस्था के सहयोग से ट्रेनिंग दी जा रही है। बता दें कि सभी स्कूलो में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे। इसे लेकर छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Sat, 29 Jun 2024 09:27 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2024 09:34 PM (IST)
झारखंड के सरकारी स्कूलों में शुरू होगी मातृभाषा में पढ़ाई (सांकेतिक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के अन्य 1,040 सरकारी विद्यालयों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई शुरू होगी। इसे लेकर इन विद्यालयों में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

इसके सफल संचालन तथा इससे जुड़े अपेक्षित लक्ष्यों की प्राप्त करने के लिए आठ जिलों के 45 शिक्षकों काे मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

यहां के टीचर लेंगे प्रशिक्षण में भाग

शिक्षकों को यह प्रशिक्षण रातू स्थित झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में एलएलएफ संस्था के सहयोग से दिया जा रहा है। शनिवार को शुरू हुई इस छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण में दुमका, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, साहिबगंज, लातेहार, सिमडेगा के मास्टर ट्रेनर भाग ले रहे हैं।

प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर बहुभाषी शिक्षा के लिए राज्य-स्रोत-समूह के रूप में कार्य करेंगे तथा इनके द्वारा भविष्य में संबंधित जिलों के चयनित विद्यालयों के बहुभाषी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को समयक रूप से प्रशिक्षित तथा अनुसमर्थन किया जाएगा।

भाषाविद् और लोकगीतकार ने प्रशिक्षण कार्यालय को किया संबोधित

भारत में मातृभाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान के लिए यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पुरस्कार-2023 से सम्मानित प्रख्यात भाषाविद् और लोकगीतकार डॉ. महेंद्र कुमार मिश्रा ने प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभाषा में पढ़ने से बच्चों की भाषाई विकास में सुधार होता है।

यह उनकी शब्दावली, वाक्य रचना और वाक्यों का अर्थ समझने की क्षमता को बढ़ावा देता है। बच्चे अपने परिवार, मित्र, और समाज के साथ संवाद आसानी से कर पाते हैं। साथ ही बच्चों को शिक्षा की सुगमता मिलती है, जिससे उनकी शिक्षा में रुचि बनी रहती है।

'मातृभाषा में शिक्षा की समझ जरूरी'

प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन, नई दिल्ली की तकनीकी विशेषज्ञ स्मृति मिश्रा ने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चो की बुनियादी शिक्षा में मातृभाषा के प्रति उनकी समझ और बहुभाषी शिक्षा सीखना महत्वपूर्ण है।

साथ ही बहुभाषी शिक्षा उन्हें अन्य भाषाओं के साथ भी संवाद करने की क्षमता प्रदान करती है। बताते चलें कि राज्य के 259 विद्यालयों में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम का संचालन पहले से किया जा रहा है, जिसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में राज्य के 1,040 विद्यालयों में विस्तारित करने की योजना प्रस्तावित है।

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