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Jharkhand: आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के मास्टर माइंड सुभान मियां को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत

एनआईए ने जांच के दौरान टेरर फंडिंग मामले में सुभान खान उर्फ सुभान मियां को मास्टर माइंड मानते हुए नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया था। दरअसल एनआईए ने वर्ष 2016 में टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी को टेक ओवर करते हुए जांच शुरू की थी।

By Manoj SinghEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 20 Dec 2022 08:00 PM (IST)
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आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के आरोप‍ित माइंड मास्टर सुभान मियां की जमानत पर सुनवाई हुई।
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ में चतरा के आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के आरोप‍ित माइंड मास्टर सुभान मियां की जमानत पर सुनवाई हुई।

हाई कोर्ट में लगाई थी जमानत की गुहार

सुनवाई के बाद अदालत ने सुभान मियां को जमानत दे दी है। सुभान को एनआईए ने वर्ष 2018 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जमानत की गुहार लगाते हुए सुभान मियां ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और ऋषभ कुमार ने अदालत को बताया कि प्रार्थी को टेरर फंडिंग का मास्टर माइंड बताया जा रहा है, जबकि वह सीसीएल का कर्मी था और आम्रपाली कोल परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण करने के लिए ग्रामीणों के बीच समन्वय बनाने का काम करता था।

सुभान मियां ने उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के कमांडर आक्रमण गंझू से मुलाकात की थी, लेकिन किसी से मिलने पर यह साबित नहीं हो जाता है कि वह उग्रवादी संगठन को फंडिंग करता था। ऐसे में प्रार्थी को जमानत मिलनी चाहिए। इस दौरान एनआईए के अधिवक्ता ने सुभान मियां की जमानत का विरोध किया, लेक‍िन दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सुभान मियां को जमानत दे दी।

नवंबर 2018 में सुभान मियां को किया था गिरफ्तार

बता दें कि चतरा के आम्रपाली कोल परियोजना में शांति समिति के जरिए वसूली की जाती थी। इसका एक हिस्सा उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को दिया जाता था। एनआईए ने जांच के दौरान टेरर फंडिंग मामले में सुभान खान उर्फ सुभान मियां को मास्टर माइंड मानते हुए नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने वर्ष 2016 में टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी को टेक ओवर करते हुए जांच शुरू की थी।

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