Madhu Koda Case: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, मधु कोड़ा के विरुद्ध रोक हटवाने के लिए जाएं हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मधु कोड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई पर लगी रोक हटाने के लिए ईडी को हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोप तय करने के विरुद्ध कोड़ा की याचिका को स्वीकार करते हुए ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। ईडी ने इस आदेश को चुनौती दी है।
एजेंसी, नई दिल्ली/रांची। मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा (Madhu Koda Money Laundering Case) के विरुद्ध सुनवाई पर लगी रोक हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है।
ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के आठ नवंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोप तय करने के विरुद्ध कोड़ा की याचिका को स्वीकार करते हुए ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
77 गवाहों में से 25 की गवाई पूरी
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ को ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि 77 गवाहों में से 25 की गवाही हो चुकी है। इस चरण में हाई कोर्ट को सुनवाई पर रोक नहीं लगानी चाहिए थी।पीठ ने राजू से कहा कि जांच एजेंसी की शिकायतों को उन्हें हाई कोर्ट के समक्ष उठाना चाहिए, क्योंकि मामला अभी भी वहां लंबित है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत में ईडी की याचिका लंबित रखी जाएगी और इस बीच वह सुनवाई पर रोक हटवाने के लिए हाई कोर्ट जा सकती है।
क्या है पूरा मामला?
रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने कोड़ा और पांच अन्य के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत लगभग 3,500 करोड़ रुपये से संबंधित आरोप तय किए थे।कोड़ा पर, फरवरी 2005 और सितंबर 2006 के बीच जब वह झारखंड में खनन मंत्री थे और सितंबर 2005 और अगस्त 2008 में, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान धन शोधन और अपराध की आय उत्पन्न करने में सहायता करने का आरोप लगाया गया था।
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