मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आरोपित निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पूजा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। यह कोई सामान्य मामला नहीं है इसलिए जल्दबाजी में सुनवाई नहीं किया जा सकता। ईडी ने कोर्ट को बताया कि हिरासत अवधि में पूजा ने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में बिताए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आरोपित निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि पूजा सिंघल के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। यह सामान्य मामला नहीं है। हम जल्दबाजी में इस पर सुनवाई नहीं कर सकते।
पूजा सिंघल ने दिया था सेहत का हवाला
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ट्रायल कोर्ट इस मामले में तेजी से सुनवाई करेगा।
खूंटी में हुए मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार पूजा सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।
पूजा सिंघल की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि वह 11 मई, 2022 से जेल में हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। रिम्स में इलाज भी चल रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि पूजा सिंघल 585 दिनों से जेल में बंद हैं। ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्हें जमानत मिलना चाहिए।
जेल में पूजा ने बिताए 231 दिन
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा था और शपथपत्र के माध्यम से यह बताने को कहा था कि पूजा सिंघल कितने दिनों तक जेल में रही हैं? यह भी बताने को कहा कि पूजा को कितने दिनों की अंतरिम जमानत अब तक मिली है और कितने दिनों से वह रिम्स में इलाज करा रही हैं?
ईडी की ओर से बताया गया कि पूजा सिंघल ने हिरासत अवधि में उन्होंने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में बिताए हैं। वह एक प्रभावशाली महिला हैं। अब तक उन्होंने सिर्फ 231 दिन जेल में बिताए हैं। 303 दिन वह अस्पताल में रहीं हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है। हम तत्काल जमानत नहीं दे सकते।
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