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Jharkhand: राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, प्रार्थी, CBI और EC को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले दानियल दानिश सीबीआई और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। बता दें कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी।

By Manoj Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 25 Oct 2024 07:22 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग मामले पर दाखिल याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई।
राज्य ब्यूरो, रांची। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की सीबीआइ जांच को लेकर हाई कोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई पर शुक्रवार को रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने रोक लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले दानियल दानिश, सीबीआइ और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

राज्य सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच से इनकार करते हुए याचिका निष्पादित कर दी थी। ऐसे में इस मामले की अब दोबारा सुनवाई नहीं की जा सकती। ऐसे में सीबीआइ से जवाब मांगा जाना उचित नहीं है। हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए।

प्रार्थी दानियल दानिश ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में वर्ष 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया गया है।

प्रार्थी का कहना है कि इस मामले में निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जगन्नाथपुर थाने में पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ प्राथमिकी की गई थी।

इसी मामले में प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोलकाता में ट्रैप करने की योजना बनाने से संबंधित सीडी कोर्ट को सौंपी है।

हाई कोर्ट ने प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में पेश की गई सीडी की जांच को लेकर सीबीआइ से जवाब मांगा था। अदालत ने कहा था कि पूर्व में कोलकाता रिश्वत कांड की जांच सीबीआइ को सौंपी गई है, तो क्या सीबीआइ ने इस मामले की भी जांच की है।

उक्त सीडी में प्रार्थी के अधिवक्ता ने पुलिस अधिकारियों की बातचीत करने की रिकार्डिंग प्रस्तुत की है, जिसमें उनको ट्रैप करने की योजना बनाने का दावा किया गया है।

इधर, शुक्रवार को हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ में भी इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता दीपांकर ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी है। इसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।

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