Teachers Day 2024: झारखंड के इन 5 शिक्षकों को नमन, जो बिना किसी स्वार्थ के समाज में दे रहे योगदान
शिक्षक दिवस पर हम उन अद्भुत शिक्षकों और मार्गदर्शकों के योगदान को याद करते हैं जिन्होंने समाज में शैक्षणिक और आध्यात्मिक माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस लेख में हम कुछ ऐसे शिक्षकों से मिलेंगे जिन्होंने अपने शिष्यों को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो खेल के मैदान में हो या आध्यात्मिक मार्गदर्शन में हो।
जागरण संवाददाता,रांची। Famous Teachers of Jharkhand: आज हम ऐसे शिक्षकों व मार्गदर्शकों की बात करेंगे, जिन्होंने अपने दम पर समाज में शैक्षणिक व आध्यात्मिक माहौल तैयार करने में महती भूमिका निभाई है। अपने अथक प्रयास की बदौलत उन्होंने पठन-पाठन का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो या फिर आध्यात्मिक क्षेत्र, हर जगह गुरुजनों ने अपने शिष्यों को शीर्ष तक पहुंचाया। ऐसे भी शिक्षक व गुरु हैं जिन्होंने निश्शुल्क अध्यापन कार्य किया।
शहर के स्कूल से लेकर कालेजों तक शिक्षक दिवस को लेकर उत्साह का वातावरण है। इसी क्रम में आज हम कुछ ऐसे शिक्षकों व मार्गदर्शकों की बात करेंगे, जिन्होंने अपने शिष्यों का करियर बनाया और समाज के लिए मिशाल कायम की। किसी ने बाल संस्कारशाला की शुरुआत कर समाज के वंचित बच्चों को पठन-पाठन की मुख्यधारा से जोड़ा तो किसी ने बाक्सिंग, क्रिकेट जैसे खेलों में युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पेश है शिक्षकों से बातचीत के अंश...
प्रतिभाओं को तलाशकर तराश रहे हैं कैप्टन डीबी मोहंती
वर्ष 1992 से झारखंड समेत देश के कई अन्य राज्यों में बाक्सिंग का प्रशिक्षण दे रहे कैप्टन डीबी मोहंती ने इन दिनों शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा तलाशने की मुहिम चलाई है। जेएसपीपीएस से जुड़े कैप्टन मोहंती ओलिंपियन गुरचरण सिंह, अर्जुन अवार्डी पद्मश्री एनजी डिंकोसिन, एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट शिवा थापा जैसे धुरंधरों को तैयार कर चुके हैं।कैप्टन डीबी मोहंती कहते हैं कि वर्तमान में अमीषा केरकेट्टा अबूधाबी में जूनियर एशियन बाक्सिंग चैंपियनशिप 2024 में परचम लहरा रही हैं। ऐसी कई प्रतिभा ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी है, यदि सरकारी मदद मिले तो झारखंड में प्रतिभाओं को तलाशना और तराशना आसान हो जाएगा। यहां नेशनल लेवल चैंपियनशिप कराए जाने की आवश्यकता है।
स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देते हैं रंथू साहू
खलारी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय महावीर नगर खलारी के प्रधानाध्यापक रंथू साहू कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को स्कूल से छुट्टी के बाद निश्शुल्क पढ़ा रहे हैं। गांव में शाम की पाठशाला और बाल संस्कारशाला सजाते हैं। जहां आसपास के बच्चों को बुलाकर न सिर्फ पठन-पाठन से जोड़ते हैं बल्कि निजी स्तर पर बच्चों को आइ-कार्ड समेत अन्य पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं।उन्हें ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिलता है। जिले का कोयलांचल होने के कारण इस पूरे क्षेत्र में कम उम्र से ही बच्चे अपने परिवार के कार्यों में हाथ बंटाना शुरू कर देते हैं। जिस कारण वे स्कूल से भी विमुख हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल व शाम की पाठशाला से जोड़ने के लिए तरह-तरह के गीत की रचनाकर स्वयं धुन और आवाज देते हैं और गाना गाकर बच्चों को आकर्षित करते हैं।
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