रिम्स के कायाकल्प के लिए निकला 1400 करोड़ का टेंडर रद्द, सुपर स्पेशियलिटी विंग समेत इन भवनों का होना था निर्माण
रिम्स में 1400 करोड़ की लागत से बननेवाले चार नए भवनों का टेंडर रद्द कर दिया गया है। झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम की ओर से रिम्स में चार नए भवनों और एक पुराने भवन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए टेंडर निकाला गया था। इसके जरिए रिम्स में नया इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट ओपीडी कांप्लेक्स मदर एंड चाइल्ड हेल्थ और सुपर स्पेशियलिटी विंग का निर्माण किया जाना था।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 18 Oct 2023 01:20 AM (IST)
अनुज तिवारी, रांची। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में करीब 1400 करोड़ की लागत से बनने वाले चार नए भवनों का टेंडर रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के बचे हुए सिविल वर्क के लिए निकाले गए टेंडर को भी रद्द कर दिया गया है।
झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम की ओर से रिम्स में चार नए भवनों और एक पुराने भवन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 18 सितबंर को टेंडर निकाला गया था। इस टेंडर के जरिए रिम्स में नया इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी), ओपीडी कांप्लेक्स, मदर एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) और सुपर स्पेशियलिटी विंग (एक्सटेंशन) का निर्माण किया जाना था।
कॉर्पोरेशन के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर ने क्या कहा?
कॉर्पोरेशन के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर अविनाश कुमार दीपक ने बताया कि टेंडर को रद्द कर दिया गया है। रिम्स शासी परिषद की बैठक के बाद भवन निर्माण को लेकर लिए गए निर्णय का पत्र मिला था, जिसके बाद इस टेंडर को निकाला गया था, लेकिन ऊपर से आदेश आने के बाद इसे रद्द किया गया है।बिना वित्तीय सहमति के निकाला गया था टेंडर
जानकारी के अनुसार, इस टेंडर को बिना वित्तीय सहमति (फाइनेंशियल अप्रूवल) लिए ही निकाला गया था। जिस कारण इसे रद कर दिया गया है।
हालांकि रिम्स निदेशक डॉ. राजीव गुप्ता बताते हैं कि इंडोर और ओपीडी के लिए जगह अभी तक चिह्नित नहीं हो पाई है। अभी ट्रामा सेंटर के पीछे की जगह पर चर्चा हो रही है, लेकिन इस पर पूरी सहमति नहीं बन पाई है।
एक नवंबर तक मांगा गया था टेंडर
नए भवनों के निर्माण को लेकर टेंडर भरने की अंतिम तिथि एक नवंबर रखी गई थी। लेकिन 15 दिन पहले ही इस टेंडर का रद्द कर दिया गया।
इस टेंडर में आईपीडी ब्लॉक के लिए 439 करोड़, सुपर स्पेशियलिटी विंग के लिए 409 करोड़, एमसीएच ब्लॉक के लिए 221 करोड़, ओपीडी ब्लॉक के लिए 196 करोड़ है।इसके निर्माण कार्य को लेकर काफी गति के साथ भवन निर्माण विभाग जगह चिह्नित करने का काम कर रहा था। लेकिन अचानक इसके रद होने के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
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