Ranchi: गलत नाम से सोनू अग्रवाल लेता रहा बॉडीगार्ड, टेरर फंडिंग का भी है आरोपी; MLA सरयू राय ने उठाए सवाल
Ranchi Crime जयश्री स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सोनू अग्रवाल पर छद्म नाम से बॉडीगार्ड लेने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। कोलकाता की व्यवसायी रश्मि जैन ने पुलिस से आरोपी पर कार्रवाई की मांग की है। इधर सरयू राय ने इसे गंभीर मामला बताया है।
By Dilip KumarEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 22 Apr 2023 01:02 PM (IST)
दिलीप कुमार, रांची। दुर्गापुर के ट्रांसपोर्टर सह जयश्री स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल पर छद्म नाम पर विभिन्न जिलों से अंगरक्षक लेने की पुष्टि के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह आरोप कोलकाता की व्यवसायी रश्मि जैन ने लगाया है। उन्होंने पुलिस की जांच रिपोर्ट का भी हवाला दिया है।
उन्होंने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल को पत्र लिखकर इस केस से जुड़े सभी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। ये अंगरक्षक रांची, धनबाद और हजारीबाग जिला से संबंधित थे। वहीं, हजारीबाग के एसपी के अनुसार हाल ही में पुलिस मुख्यालय के आदेश पर आरोपित अंगरक्षक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
रांची और धनबाद जिला बल से इस संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई है। रश्मि जैन ने अपने आवेदन के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय का पत्र, झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश, राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश और राज्य सूचना आयोग के आदेश की कॉपी भी लगाई है।
उनका आरोप है कि सोनू अग्रवाल व अन्य ने मिलकर विभाग को गलत सूचनाएं दी। वह झारखंड पुलिस के सशस्त्र जवानों को राज्य से बाहर भी ले गया। पुलिस की जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है कि सोनू अग्रवाल ने सुरक्षा बलों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए सक्षम पदाधिकारी से अनुमति नहीं ली थी।
टेरर फंडिंग का है आरोपित
सोनू अग्रवाल पर मगध-आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला ट्रांसपोर्टिंग के दौरान तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों को फंड देने का भी आरोप है। टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी सोनू उग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी। पूरा मामला अभी अनुसंधान के अधीन है।रश्मि जैन से सोनू अग्रवाल का क्या है विवाद
रश्मि जैन के अनुसार, उनके कोलकाता स्थित कार्यालय में सोनू अग्रवाल झारखंड पुलिस के 10-15 सशस्त्र जवानों के साथ 22 मार्च 2018 को पहुंच गया था। उनके कर्मियों से मारपीट की और उनके कार्यालय में ताला बंद करना चाहता था। दूसरे दिन भी कार्यालय में ताला लगाना चाहा।
सोनू अग्रवाल के अनुसार, वह कार्यालय दिव्य ज्योति स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड का था, जबकि रश्मि जैन के वकील के अनुसार वह कार्यालय उनका था। उनके कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज में सभी जवानों के चेहरे भी कैद हुए थे, जो झारखंड पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। इस पूरे मामले में झारखंड पुलिस के विभिन्न विंग ने जांच की थी।
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