Move to Jagran APP

'पहले शाम छह बजे बंद हो जाती थी दुकानें', 10 सालों में हुआ इतना बदलाव; पढ़ें गुमला से ग्राउंड रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित गुमला के शंख मोड़ पर चुनावी तापमान बढ़ा हुआ है। यहां चुनावी चौपाल लगता है जहां लोग खुलकर अपनी राय व्‍यक्‍त करते हैं। हालांकि एक वक्‍त ऐसा था जब नक्‍सलियों के डर से यहां लोग कांपते थे। होली-दीवाली पर भी लेवी देनी पड़ती थी। शाम होते ही दुकानें बंद कर देनी पड़ती थीं लेकिन हाल के वर्षों में नक्‍सलियों की कमर टूट गई है।

By sanjay krishna Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 23 Apr 2024 12:20 PM (IST)
Hero Image
छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित गुमला के शंख मोड़ पर बढ़ा तापमान।
संजय कृष्ण, रांची। गुमला के शंख मोड़ का नाम अब कार्तिक उरांव चौक हो गया है। कार्तिक उरांव लोहरदगा से सांसद रहे। केंद्र में मंत्री भी रहे। सम्मान से उन्हें लोग बाबा कार्तिक कहते हैं। उनके नाम पर ही इस चौक का नामकरण कर दिया गया है। यहां से बस एक किलोमीटर की दूरी पर छत्तीसगढ़ है। यहां से एक रास्ता बाबा टांगीनाथ धाम की ओर जाता है तो दूसरा रायडीह की ओर। गुमला जिले का यह अंतिम छोर है।

रायडीह में दूर-दूर तक नहीं पंजे का निशान: स्‍थानीय दुकानदार

रायडीह प्रखंड में मंझा टोली का यह मोड़ आता है। यहां काफी चहल-पहल रहती है। अमरेश कुमार झा यहां 1968 यहां मिथिला स्वीट्स चलाते हैं। सीतामढ़ी से यहां आने की उनकी एक लंबी कहानी है। वह इकलौते मैथिल यहां हैं।

वह कहते हैं, यहां पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तक आ चुके हैं। यह खानपान की दुकान ही ऐसे मोड़ पर है। उनके यहां आने की लंबी कहानी है। फिलहाल, हम उनकी कहानी को यहीं छोड़ते हैं। बात चुनावी बयार पर आती है।

लोहरदगा के इस संसदीय क्षेत्र को लेकर वे बहुत साफ-साफ कहते हैं, यह पूरा क्षेत्र तो कमल से खिलता है। पंजे का निशान यहां दूर-दूर तक नहीं है। रायडीह की ईवीएम जब खुलती है तो खिलता हुआ कमल ही दिखाई देता है।

इस पूरे क्षेत्र में हिंदू और सरना भाजपा के साथ खड़े होते हैं और ईसाई और मुस्लिम जेएमएम के साथ। यहां का बूथ मंझाटोली में है और पिछली बार 65 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार जिला प्रशासन ने 80 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा है।

गुमला शंख मोड़ में लगा छतीसगढ़ सीमा शुरू होने का बोर्ड

बैठा रहे हिसाब-किताब

ग्रामीणों के पास नेताओं के हार-जीत को लेकर भी जमकर चर्चा हो रही है। समीकरण और गुणा-गणित से प्रत्याशियों की हार-जीत का हिसाब लगाया जा रहा है। गुमला विधानसभा में पांच प्रखंड हैं। गुमला और रायडीह में भाजपा की जमीन मजबूत है तो चैनपुर, जारी, डुमरी में कांग्रेस।

अमरेश कहते हैं, समीर उरांव वनवासी कल्याण केंद्र से भी जुड़े हैं। उनकी आदिवासियों में पकड़ भी है। कांग्रेस गठबंधन से चुनावी मैदान में खड़े सुखदेव भगत के पास परंपरागत कांग्रेस के वोट तो हैं, लेकिन यदि चमरा लिंडा मैदान में आ जाते हैं, जैसी कि इधर चर्चा है, वह मामला दिलचस्प हो सकता है।

चमरा लिंडा कांग्रेस गठबंधन के मत में ही सेंधमारी करेंगे और इसका लाभ बेशक, समीर उरांव को मिल सकता है। खरका टोटा के आफताब हुसैन उर्फ बाबू भी कहते हैं कि बिशुनपुर क्षेत्र में चमरा लिंडा की मजबूत पकड़ है। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं। आदिवासी चमरा के साथ ही रहेंगे। मुस्लिम भी 50 प्रतिशत उनके साथ रहेंगे।

सुखदेव के साथ 30 प्रतिशत मुस्लिम जा सकते हैं। वह कहते हैं समीर उरांव भी लोकप्रिय हैं। उन्हें भी मुस्लिम 20 प्रतिशत वोट दे सकते हैं, उनके व्यवहार पर। भाजपा कार्यकर्ता दीपक कहते हैं कि समीर उरांव को जीत के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा।

गुमला शंख मोड़ में चुनावी चौपाल में विचार व्यक्त करते लोग

झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों का लाभ

शंख मोड़ पर ही अब्दुल गफ्फार भी व्यवसाय करते हैं। वे कहते हैं, मैंने आयुष्मान कार्ड बनवाया हुआ है। कार्ड से यह फायदा हुआ कि छत्तीसगढ़ में भी इसी कार्ड से इलाज कराए। वह कहते हैं, भाजपा देश के लिए सोचती है, पर ऐसा नहीं कि केंद्र की योजना में कोई छेद नहीं है।

पतरा टोली, रायडीह के विनोद लकड़ा कहते हैं कि पीएम आवास में बहुत धांधली हो रही है। सक्षम लोगों को पीएम आवास मिल जा रहा है। एक बात सभी कहते हैं, पिछली सरकार ने सड़कों का जाल बिछा दिया। इससे काफी सहूलियत हुई।

जब शाम छह बजे बंद हो जाती थीं दुकानें

गोविंद रजक दुकानदार हैं। वे कहते हैं, पिछले 10 सालों से हमने नक्सलियों का सामना नहीं किया है। होली-दीवाली-दशहरा मनाने के लिए हमें लेवी देनी पड़ती थी।

राकेश कुमार झा कहते हैं, आज नक्सलियों का सफाया हो चुका है। यहां 10 साल पहले दुकानें छह बजे के बाद बंद हो जाती थीं। हाल के वर्षों में नक्सलियों की कमर टूटी है। पहले नक्सलियों ने एक पर्चा भी चिपका दिया तो डर से हमलोगों के पैर कांपने लगते थे। विनोद कुमार गुप्ता कहते हैं कि हमारी दुकानें रात नौ बजे तक खुलती हैं।

ये भी पढ़ें:

Lok Sabha Elections 2024 : गोड्डा के बाद चतरा में भी बदल सकता है महागठबंधन के प्रत्याशी का चेहरा, यह है वजह

क्‍या पार्टी में नेताओं की आवाजाही देती है मजबूती की गारंटी? चुनाव के समय इसलिए पाला बदलते हैं अधिकतर नेता

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।