गुमला में डायन बिसाही की घटनाएं सबसे अधिक, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, 26 जुलाई को अगली सुनवाई
झारखंड सहित भारत के कई ग्रामीण इलाकों में डायन-बिसाही (अंधविश्वास) बहुत बड़ी समस्या है। प्रदेश में गुमला एक ऐसी जगह है जहां डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार किया जाता है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर हो रही हत्याओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 06 Jul 2023 03:24 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर हो रही हत्याओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में पूर्व में हाई कोर्ट ने जितने निर्देश दिए हैं, उनका पालन किया गया है या नहीं। अदालत के किन-किन निर्देशों का पालन किया गया है। अदालत ने सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
26 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
मामले में अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान मामले में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के सदस्य सचिव की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया।अदालत को बताया गया कि गुमला जिले में सर्वाधिक डायन बिसाही को लेकर मारपीट एवं हत्या की घटनाएं होती हैं। झालसा की ओर से गुमला में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को डायन बिसाही की रोकथाम को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डायन के नाम पर महिलाओं की हो रही हत्याएं
अदालत ने कहा कि सरकार को इस गंभीर मामले से निपटने के लिए पूरी कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। अदालत ने सरकार से पूछा है कि इस तरह के मामले में अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है और कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है।समय पर चार्जशीट दाखिल की जाती है या नहीं। सुनवाई के दौरान मामले की न्याय मित्र सुचित्रा पांडेय ने अदालत को बताया कि राज्य के हर क्षेत्र में डायन के नाम पर महिलाओं की हत्या की जा रही है। उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है।
27 जुलाई तक कई मामलों पर सौंपनी होगी रिपोर्ट
पूर्व में अदालत ने सरकार को गांवों में आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने, अस्पतालों में चिकित्सक सहित सभी आधारभूत संरचना देने का निर्देश दिया था। स्थानीय भाषा में अंधविश्वास मिटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा था।साथ ही किसी भी महिला को डायन कहने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लोगों को प्रेरित करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के बाद अदालत ने 27 जुलाई तक सरकार को सभी मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
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