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ओमीक्रॉन से लड़ने में प्रभावशाली है ये दो दवाइयां, WHO ने दिए नए निर्देश

Ranchi News कोरोना के बढ़ते प्रभाव और संक्रमित होते लोगों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की एक नई दवाई बताई है. जो कि कोरोना मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने- बारिसिटिनिब और कासिरिविमैब-इमदिविमैब.

By Madhukar KumarEdited By: Updated: Sun, 16 Jan 2022 07:33 AM (IST)
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ओमीक्रॉन से लड़ने में प्रभावशाली है ये दो दवाइयां, WHO ने दिए नए निर्देश

रांची, डिजिटल डेस्क। देश में कोरोना के मामले हर रोज अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर ने देश और दुनिया पर ऐसा कहर बरपाया है, कि चारो ओर त्राहिमाम मचा हुआ है। हिंदुस्तान के साथ-साथ अमेरिका और यूरोपियन देशों में कोरोना कहर बरपा रहा है। कोरोना से ठीक होने के लिए अब तक सिर्फ वैक्सीन ही एक प्रभावी दवा है। लेकिन संकट ये है कि अब नए ओमीक्रॉन वैरिएंट आने के बाद कोरोना की दोनों वैक्सीन लेने वाले लोगों को भी कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने बताई ये दोनों दवाएं

कोरोना के बढ़ते प्रभाव और संक्रमित होते लोगों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की एक नई दवाई बताई है. जो कि कोरोना मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने- बारिसिटिनिब और कासिरिविमैब-इमदिविमैब. पीयर रिव्यू जर्नल बीएमजे में हेल्थ बॉडी के एक्सपर्ट्स ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्ट्रॉयड्स के साथ बारिसिटिनिब का इस्तेमाल किया जा सकता है. आमतौर पर इस दवा का इस्तेमाल आर्थराइटिस के इलाज में किया जाता है.

क्लीनिकल एक्सपीरियंस के आधार पर ही लें दवा

डब्ल्यूएचओ ने दावा किया है कि इस दवा के इस्तेमाल करने से वेंटिलेटर की उपयोगिता में कमी लाई जा सकती है। खासकर बात ये है कि इस दवा का साइड इफेफ्ट भी नहीं है, जिससे मरीज के जान को खतरा भी नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इस दवा के इस्तेमाल से आर्थराइटिस की एक अन्य दवा इंटरल्यूकिन-6 के जैसा ही होता है। अगर दोनों दवा आपके साथ उपलब्ध है तो क्लीनिकल अनुभव के आधार पर आप इस दवा को खरीद सकते हैं। साथ ही डबल्यूएचओ ने खास तौर पर कहा कि एक साथ दोनों दवा को नहीं लेना है।

एक अन्य एंटीबॉडी की भी सिफारिश की है

डब्ल्यूएचओ ने गाइडलाइन में अपडेट करते हुए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी सोट्रोविमैब की परिस्तिति को ध्यान में रखते हुए इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। इस दवा को ऐसे मरीज को दिया जा सकता है, जिसे कम इंफेक्शन, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने जैसे जोखिम वाले मरीजों को दिया जा सकता है। WHO ने एक अन्य मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा कैसिरिविमैब-इमदिविमैब के लिए भी इसी तरह की सिफारिश की है.

पर्याप्त डाटा मिलने के बाद गाइडलाइन अपडेट होगी

हालांकि WHO की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इलाज की सिफारिश के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं था और हेल्थ बॉडी ने यह भी स्वीकार किया कि ओमिक्रॉन जैसे नए वैरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता की जानकारी फिलहाल नहीं है. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का पर्याप्त डेटा मिलते इसकी गाइडलाइन अपडेट की जाएगी.

संक्रमित मरीजों पर हुए ट्रायल्स में मिले साक्ष्य

WHO की ये सिफारिशें 4,000 सामान्य, कम गंभीर और ज्यादा गंभीर संक्रमित मरीजों पर हुए सात ट्रायल्स में मिले साक्ष्यों पर आधारित है. ये सभी मरीज एक लिविंग गाइडलाइन का हिस्सा हैं जिसे WHO ने मेथोडोलॉजिकल सपोर्ट ऑफ मैजिक एविडेंस इकोसिस्टम फाउंडेशन के साथ मिलकर विकसित किया है. ताकि कोविड-19 मैनेमजमेंट के लिए भरोसेमंद दिशा-निर्देश दिए जा सकें और मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स भी बेहतर निर्णय ले पाएं.