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Jharkhand Assembly: विधानसभा से तीन भाजपा विधायक निलंबित, स्पीकर बोले- प्रश्नकाल को हंगामा काल बना रखा है

झारखंड विधानसभा के शीत सत्र का तीसरा दिन हंगामेदार रहा। इस दौरान सदन की कार्यवाही की शुरुआत से ही भाजपा विधायकों ने रोजगार के मुद्दे को लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा किया। इस दौरान स्पीकर ने कड़ी कार्रवाई की और भाजपा के तीन विधायकों को सदन से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। भाजपा के हंगामा के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा विपक्ष की परिपाटी सही नहीं।

By Pradeep singhEdited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 19 Dec 2023 08:05 PM (IST)
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Jharkhand Assembly: विधानसभा से तीन भाजपा विधायक निलंबित, स्पीकर बोले- प्रश्नकाल को हंगामा काल बना रखा है
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की पहली पाली पूरी तरह हंगामेदार रही। मंगलवार को भाजपा विधायकों ने रोजगार के मुद्दे पर जहां सदन में हंगामा किया तो वहीं स्पीकर ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए भाजपा विधायकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की।

उन्होंने बोकारो के भाजपा विधायक सह पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, मांडू के विधायक सह पार्टी सचेतक जेपी पटेल तथा भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही को पूरी सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया। भाजपा विधायकों द्वारा आसन के समक्ष हो रहे लगातार प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्पीकर ने इन दोनों विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश मार्शलों को दिया।

इसका अनुपालन करते हुए मार्शलों ने तीनों विधायकों को बाहर निकालना चाहा, लेकिन बिरंची नारायण और भानु प्रताप शाही आसन के समक्ष लेट गए। मार्शलों को दोनों विधायकों को बाहर निकालने में खासी मेहनत करनी पड़ी। बारी-बारी से दोनों को टांगकर बाहर निकालना पड़ा। मांडू के विधायक जेपी पटेल को भी सदन से बाहर किया गया।

मार्शल जब बिरंची नारायण को टांगकर बाहर ले जा रहे थे तो वे दरवाजे के पास गिर पड़े। इसके बाद भाजपा के सभी विधायकों ने स्पीकर की कार्रवाई को तानाशाही तथा अलोकतांत्रिक निर्णय बताते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। वे सदन से निकलकर विधानसभा परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। दूसरी पाली की कार्यवाही में भी भाजपा विधायक नहीं पहुंचे।

सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही नोंकझोंक

इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक भानु प्रताप शाही वादे के अनुरूप युवाओं को रोजगार नहीं देने का आरोप मढ़ते हुए कहा कि स्पष्ट नियोजन नीति नहीं होने के कारण बहाली नहीं हो रही है। रोजगार को लेकर आज पूरे राज्य के युवा सड़कों पर हैं। उनके समर्थन में अन्य भाजपा विधायक आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

इनके विरोध में कांग्रेस और झामुमो के भी कुछ विधायक सांसदों के निलंबन का विरोध करते हुए आसन के समक्ष पहुंच गए। सदन की कार्यवाही 20 मिनट ही चली थी कि हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही 12.34 बजे दोबारा शुरू होने के बाद भी भाजपा विधायक आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

दो-तीन विधायकों के कारण सदन बाधित होता- स्पीकर

इस पर स्पीकर ने सख्त लहजे में कहा कि दो-तीन विधायकों के कारण सदन बाधित होता है। कल से हंगामा नहीं करने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन हर चीज पर ये लाबी में पहुंच जा रहे हैं। इन्होंने प्रश्नकाल को हंगामा काल बना दिया है। उन्होंने दोनों विधायकों को निलंबित करते हुए सदन से बाहर करने का आदेश दिया।

इस पर स्पीकर की कार्रवाई पर भाजपा विधायकों ने भी अपना आपा खो दिया। बिरंची नारायण ने कहा कि स्पीकर मुख्यमंत्री के कहने पर कोई निर्णय लेते हैं। उनके पास अपना दिमाग नहीं है। ऐसे स्पीकर को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। भानु ने कहा कि नियोजन नीति और रोजगार देने के सवाल पूछने पर सरकार भागती नजर आई। मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आएं और कहें कि उन्होंने युवाओं, पारा शिक्षकों को ठगकर सत्ता हासिल की। सरकार युवाओं को चार सालों तक बोका समझती रही। आने वाले दिनों में पता लग जाएगा कि सरकार बोका है, युवा नहीं।

सांसद निलंबित तो विधायक क्यों नहीं- मिथिलेश ठाकुर

भाजपा के हंगामा के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विपक्ष की परिपाटी सही नहीं है। ये घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। राज्य को अंधकार में धकेलने की इनकी साजिश रही है। राज्य की जनता को दिग्भ्रमित कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं। उन्होंने कहा कि जब सांसदों का निलंबन हो सकता है तो हंगामा करने वाले इन विधायकों का भी होना चाहिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि वे भी उनकी बात से सहमत हैं।

आवाज उठाना अपराध नहीं- अमर बाउरी

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि विधायक कार्य स्थगन और कार्य सूचना की मांग रहे थे। यदि स्पीकर सूचना पढ़ ही देते तो क्या हो जाता? स्पीकर की कार्रवाई तानाशाही और अलोकतांत्रिक है। भाजपा विधायक अपना अधिकार मांग रहे थे, लेकिन स्पीकर ने उन्हें बाहर कर दिया। स्पीकर को विधायकों का निलंबन वापस लेना चाहिए। यदि झारखंड के युवाओं के लिए आवाज उठाना अपराध है तो हम बार-बार यह अपराध करेंगे।

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