New Criminal Laws: अब थाने में ऐसे मिलेगी गिरफ्तार हुए व्यक्ति की जानकारी, जानिए किस धारा में क्या है प्राविधान?
एक जुलाई से पूरे देश में तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू कर दिया है। इन नए कानूनों में आम जनता के हितों को पूरा ध्यान रखा गया है। इस खबर में हम आपको भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की कई धाराओं में दिए गए प्राविधान के बारे में जानकारी देने वाल हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। एक जुलाई से पूरे देश में लागू तीन नए कानूनों में आम जनता के हितों को पूरा ध्यान रखा गया है। इन कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं।
यहां बात भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की करें तो इसमें पुलिस व आम जनता के अधिकार व कर्तव्यों को विस्तार से उल्लेखित किया गया है।भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 37 में यह उल्लेखित है कि राज्य सरकार प्रत्येक थाने में एक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करेगी। यह पदाधिकारी एएसआइ स्तर तक का भी हो सकता है।
गिरफ्तारी का जानकारी ऐसे होगी जारी
वह उस थाने का अपीलीय पदाधिकारी या पदाभिहित पदाधिकारी होगा। उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह प्रत्येक दिन शाम को अपने थाना क्षेत्र से उस दिन की गिरफ्तारी की जानकारी डिस्पले बोर्ड के माध्यम से शेयर करेगा।मतलब यह है कि नए कानून में अब किसी भी गिरफ्तारी को थाने के इलेक्ट्रानिक बोर्ड पर डिस्प्ले करना अनिवार्य किया गया है। इससे यह होगा कि आम जनता पशोपेश में नहीं रहेगी कि उक्त व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है अथवा नहीं। पहले यह सूचना देने के लिए पुलिस बाध्य नहीं थी, अब पुलिस को इसकी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
बीएनएसएस की धारा 175 व 176 में ये है उल्लेख
बीएनएसएस की धारा 175 व 176 में इस बात का उल्लेख है कि कोर्ट में किसी भी लोकसेवक के विरुद्ध कोई शिकायत होती है तो कोर्ट सीधे तौर पर उक्त आरोपित को बुलाने के बजाय उस लोकसेवक की व उसके सीनियर से उक्त शिकायत के मामले में पक्ष जानेगा।दोनों का पक्ष लेने के बाद कोर्ट उसकी समीक्षा करेगा और समीक्षा में दोषी मिलने पर आरोपित के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करेगा।
इसी प्रकार बीएनएसएस की धारा 86 में घोषित अपराधी की संपत्ति जब्त करने के लिए पुलिस को अधिकार प्राप्त है। इस धारा में यह उल्लेख है कि वैसे घोषित अपराधी के विरुद्ध एसपी या एसपी से ऊपर रैंक के अधिकारी संपत्ति जब्त कर सकते हैं।
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