जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही वज्रपात की घटनाएं, आकाशीय बिजली से बचाव को घरों में तड़ित चालक लगाएं
Thunderclap Jharkhand News Thunderbolt in Rain एनएसएस एवं यूनिसेफ ने आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया। इंस्पेक्टर नीतेश ने कहा कि आपदाओं में एनडीआरएफ की भूमिका अग्रणी है। आपदा प्रबंधन को लेकर जागरूकता होनी चाहिए।
रांची, जासं। जलवायु परिवर्तन की वजह से इन दिनों प्रदेश में वज्रपात की घटनाएं बढ़ रही हैं। वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को अपने मकानों में तड़ित चालक लगाना जरूरी है। राजधानी रांची में एनएसएस और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में यह बातें विशेषज्ञों ने कहीं। एनएसएस रांची विश्वविद्यालय, यूनिसेफ, झारखंड, सेंटर फॉर चाइल्ड राइट एवं एनयूएसआरएल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय वेबिनार को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि आपदाओं से बचने के लिए आपदा प्रबंधन की जरूरत होती है।
आपदाओं के पूर्व आपदा प्रबंधन को लेकर जागरूकता होनी चाहिए। कोविड-19 महामारी, वज्रपात, आंधी- तूफान एवं बाढ़ जैसी आपदाओं के पूर्व जागरूकता के प्रति एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही है। आकाशीय बिजली सामान्यत: पेड़ एवं भवनों पर गिरती है। वज्रपात से बचने के लिए घर में तड़ित चालक निश्चित रूप से लगाना चाहिए। यह बिजली को भूमि में लेकर चली जाती है। कुलपति ने वेबिनार में अमृत महोत्सव एवं स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर सभी को शुभकामनाएं दी।
झारखंड राज्य के एनएसएस पदाधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन में एनएसएस की भूमिका सराहनीय रही है। एनएसएस के स्वयंसेवकों का आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में यथा कोविड-19, बाढ़, सड़क सुरक्षा में जागरूकता के प्रति सराहनीय कार्य रहा है। वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता क्लाइमेट रेसिलियंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वज्रपात की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वज्रपात से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का हमेशा पालन करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण वज्रपात की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
बादलों के आपस में टकराने से आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है। यह पृथ्वी पर गिरकर भयावह रूप धारण करती है। वेबिनार में एनडीआरएफ 9 बटालियन बिहार के इंस्पेक्टर नीतेश कुमार ने कहा कि आपदाओं में एनडीआरएफ टीम की अग्रणी भूमिका रही है। एनडीआरएफ की टीम मुख्य रूप से तीन सुरक्षा मानकों पर ध्यान देती है। इसके तहत एनडीआरएफ आपदा के पूर्व, आपदा के समय तथा आपदा के बाद की घटनाओं पर कार्य करती है। इसमें एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका रहती है। वेबिनार के अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र में प्रतिभागियों ने सवाल किए। इसका जवाब कर्नल संजय ने दिया।
इस वेबिनार में मुख्य रूप से झारखंड राज्य के 10 जिलों यथा रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पलामू, लातेहार, गढ़वा, धनबाद एवं बोकारो के एनएसएस प्रोग्राम आफिसर एवं स्वयंसेवक, यूनिसेफ के कम्युनिकेशन आफिसर आस्था अलंग, डॉ. प्रियंका सिंह समेत कुल 350 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम में यूनीसेफ के फैज, सेंटर फार चाइल्ड राइट के डॉ. के श्यामली, एनएसएस के डॉ. विभेष कुमार चौबे, डॉ. पुष्पा सुरीन, हेमंत कुमार, अपर्णा मिश्रा, दिवाकर आनंद, दीपा, नेहा आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।