Teacher's Day: झारखंड के दो शिक्षक आज होंगे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, बच्चों में जगाई शिक्षा की अलख
Teachers Day आज शिक्षक दिवस के मौके पर झारखंड के दो शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे। इनमें मो. एजाजुल हक और मनोरंजन पाठक हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रस्तावित कार्यक्रम में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। स्कूली शिक्षा में देश भर के 50 शिक्षकों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इन्होंने बच्चों की शिक्षा के लिए अपनी जान फूंक दी।
By Neeraj AmbasthaEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 05 Sep 2023 09:44 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। Teacher's Day: झारखंड के दो शिक्षकों मंगलवार को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे। इनमें चतरा के मध्य विद्यालय, दीवानखाना के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. एजाजुल हक तथा सैनिक स्कूल, तिलैया के शिक्षक मनोरंजन पाठक हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु के हाथों मिलेगा पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रस्तावित कार्यक्रम में शिक्षकों को यह पुरस्कार प्रदान करेंगी।पुरस्कार के रूप में प्रत्येक शिक्षक को 50 हजार रुपये की राशि, सिल्वर मेडल तथा प्रशस्ति पत्र मिलेगा। मो. हक का चयन इस पुरस्कार के लिए झारखंड के सरकारी स्कूलों तथा मनोरंजन पाठक का चयन सैनिक स्कूल के कोटे से हुआ है।
देश भर से 50 शिक्षक आज होंगे सम्मानित
बता दें कि स्कूली शिक्षा में देश भर के 50 शिक्षकों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। वहीं, उच्च शिक्षा से 13 तथा कौशल विकास से 12 शिक्षकों का चयन पूरे देश से हुआ है। इनमें झारखंड से एक भी शिक्षक का चयन नहीं हो पाया।स्कूली शिक्षा की बात करें तो पुरस्कार के लिए सरकारी स्कूलों के कोटे से दो अन्य शिक्षकों अपग्रेडेड हाईस्कूल गिद्धौर, चतरा के मनोज कुमार चौबे तथा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय वर्मा माइंस, जमशेदपुर की डा. अंजू कुमारी की अनुशंसा भेजी गई थी, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका।
बिहार के रहने वाले हैं मनोरंजन पाठक
देश के 27 सैनिक स्कूलों में मनोरंजन पाठक इकलौते शिक्षक हैंं, जिन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। वह मूल रूप से बिहार के मधेपुरा के रहने वाले हैं।2002 से सैनिक स्कूल तिलैया में बतौर कंप्यूटर साइंस के शिक्षक के रूप पदस्थापित हैं। बच्चों को शिक्षित करने के साथ चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए उनका चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है।
कोरोना काल में जब स्कूल बंद था, उस समय ऑनलाइन क्लास के जरिए कैडेटों की पढ़ाई और अनुशासन को बेहतर ढंग से बनाए रखने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।ऑनलाइन पढ़ाई के बावजूद कोरोना काल में एनडीए के लिए स्कूल से सबसे ज्यादा कैडेटों का चयन हुआ था। स्कूल के प्रिंसिपल आर सकलानी ने बताया कि इस सम्मान के बाद सैनिक स्कूल के इतिहास में एक नया आयाम जुड़ गया है। पूरा सैनिक स्कूल परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।