उत्पाद विभाग के सिपाही बहाली में शामिल युवक की हुई मौत, आर्मी की दौड़ भी निकाल चुका था मृतक
उत्पाद विभाग की बहाली में शामिल अजय महतो की रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। अजय ने पलामू में दौड़ निकाली थी लेकिन बेहोश हो गया था। उसे सदर अस्पताल ले जाया गया और फिर रिम्स लाया गया। कुछ महीने पहले ही वह आर्मी बहाली में भी शामिल हुआ था और दौड़ निकाल ली थी लेकिन मेडिकल में बाहर हो गया था।
जागरण संवाददाता, रांची। ओरमांझी इलाके में रहने वाले अजय महतो की शनिवार को सुबह रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव स्वजनों के हवाले कर दिया।
अजय का छोटा भाई अंकित ने बताया कि अजय की स्थिति काफी ठीक थी। अचानक सुबह पौन सात बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अजय जब पलामू में उत्पाद विभाग के बहाली में शामिल होने गया था तो उसका दोस्त भी साथ में था। दौड़ निकालने के बाद जब वह बैठा तो अजय बेहोश हो गया। अजय को वहां से सदर अस्पताल ले जाया गया।
अजय के दोस्त से घरवालों को पूरी बात बता दी। अजय के घरवाले रात दस बजे अजय के पास पहुंचे और उसे लेकर रिम्स आ गए। अजय रास्ते भर अपने घरवालों से बातचीत कर रहा था।
रिम्स में भी उसने बात की लेकिन सुबह के वक्त अचानक से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक का बिसरा रख लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी पुलिस को नहीं मिल पाया है।
आर्मी बहाली में दौड़ निकाल चुका था मृतक
मृतक अजय के घरवालों ने बताया कि कुछ माह पहले रांची में आर्मी बहाली के दौरान वह शामिल हुआ था। आर्मी में उसने दौड़ निकाल लिया था। लेकिन मेडिकल में आंख में परेशानी होने की बात बोलकर अजय को फेल कर दिया गया। इसके बाद भी अजय लगातार तैयारी कर रहा था।
अजय पिछले एक साल से हर दिन सुबह चार बजे घर से निकलकर दौड़ने जाता था। कभी उसकी तबीयत खराब नहीं हुई। लेकिन इस बार दौड़ में क्या हुआ कि अजय की जान चली गई। घरवालों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
बड़े भाई की भी हो चुकी है मौत
अजय के घरवालों ने बताया कि चार माह पहले अजय के बड़े भाई संजय की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। संजय टाटीसिल्वे की ओर जा रहा था लेकिन अज्ञात वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हुई थी। चार माह के बाद अजय की मौत हो जाने से पूरे परिवार में गम का माहौल है।
अजय के पिता देवी लाल ने बताया कि एक साल के अंदर दो बेटे की मौत से घर के सभी सदस्य टूट गए हैं। अजय की रिम्स में जब मौत हुई तो जितने डॉक्टर थे वह भाग निकले। देवी लाल डॉक्टरों को रोकते रह गया लेकिन कोई नहीं रूका। देवी लाल का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से अजय की मौत हो गई।