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Ranchi Land Scam: आदिवासियों की जमीन पर हुआ बड़ा खेल! इस तरह की गई फर्जी खरीद-बिक्री, ED जांच में हुआ खुलासा

जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के बिंदु पर जांच कर रही ईडी की छानबीन में आदिवासियों की जमीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रांची में बड़े पैमाने पर आदिवासियों की जमीन को जेनरल बनाकर उसकी खरीद-बिक्री की गई है। हैरत की बात यह है कि जालसाजी के इस नेटवर्क में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से लेकर जालसाजों का एक गिरोह भी शामिल है।

By Dilip Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 15 Jun 2024 10:05 PM (IST)
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आदिवासियों की जमीन के साथ की गई जालसाजी
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के बिंदु पर अनुसंधान कर रही ईडी की छानबीन में यह खुलासा हुआ है कि रांची में बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन को जेनरल बनाकर उसकी खरीद-बिक्री की गई है।

जालसाजी के इस नेटवर्क में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से लेकर जालसाजों का एक गिरोह वर्षों से सक्रिय रहा है। गाड़ीगांव निवासी जमीन कारोबारी शेखर महतो उर्फ शेखर कुशवाहा ने रिमांड पर पूछताछ में भी ईडी को इसकी जानकारी दी है।

ईडी ने शेखर को तीन दिनों की रिमांड पर लिया

पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर ईडी ने शेखर कुशवाहा को तीन दिनों की रिमांड पर ले लिया है। पूछताछ में उसने कई अन्य आदिवासी जमीन के बारे में ईडी को बताया है, जिसकी अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की गई है। यह जमीन बरियातू, मोरहाबादी, चिरौंदी, बड़गाईं, रिम्स आसपास की हैं।

अंतु तिर्की के सिंडिकेट का रहा है हिस्सा

शेखर कुशवाहा, झामुमो नेता अंतु तिर्की के सिंडिकेट का हिस्सा रहा है। इसमें अंतु तिर्की, विपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय, इरशाद अख्तर, इरशाद, सद्दाम हुसैन, अफसर अली आदि शामिल रहे हैं। शेखर कुशवाहा को छोड़ सभी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं।

यह गिरोह वर्षों से रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता में रजिस्टर्ड जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी करता था। आदिवासी प्रकृति की जमीन जिसकी खरीद-बिक्री नहीं हो सकती थी, उसके दस्तावेज में हेराफेरी कर उसे खरीद-बिक्री योग्य बनाता था और उसकी खरीद-बिक्री करता था।

इन जमीनों की अवैध तरीके से हुई खरीद-बिक्री

गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन, बरियातू की 8.86 एकड़ भुइहरी प्रकृति की सीएनटी एक्ट से संबंधित जमीन, बड़गाईं अंचल में खाता नंबर 234 के प्लॉट नंबर 1055 में 42 डिसमिल जमीन, खाता नंबर 232 के प्लाट नंबर 1054 में 32 डिसमिल जमीन, जिसके रैयत सुखदेव पाहन व अन्य थे, बड़गाईं मौजा में ही पाहन परिवार से 73 डिसमिल जमीन को 40 लाख में खरीदा और 2.06 करोड़ में बेच दिया।

बड़गाईं मौजा में कैलाश पाहन से 15 डिसमिल जमीन पर कब्जा किया। फर्स्ट मार्क स्कूल के समीप बुधु पाहन की 54 डिसमिल जमीन। रिम्स के पीछे बड़ा भूखंड, जो आदिवासी प्रकृति का है, उसे जेनरल बनाकर बेच दिया गया, जिसकी जांच अभी जारी है।

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