रांची में आदिवासी संगठनों ने दिया धरना, महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआइ जांच की कर रहे मांग
Rupa Tirkey Suicide Case Jharkhand Hindi News पंडरा के मुखिया सुनिल तिर्की ने कहा कि इस तरह से यदि राज्य में घटनाएं होती रहेंगी तो आने वाले दिनों में गलती करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता चला जाएगा।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Tue, 11 May 2021 06:11 PM (IST)
रांची, जासं। Rupa Tirkey Suicide Case, Jharkhand News रांची के पिस्का मोड़ सत्यारी सरना स्थल के पास मंगलवार को विभिन्न आदिवासी धार्मिक सामाजिक संगठनों ने एकदिवसीय धरना दिया। संगठनों ने महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआइ जांच करने की मांग की। धरना की अध्यक्षता आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि साहेबगंज जिले में पदस्थापित महिला थाना थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत संदेहात्मक है। परंतु उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है।
परिवारजन कुछ लोगों पर सीधा-सीधा हत्या का आरोप लगा रहे हैं। फिर भी वर्तमान सरकार मनाने को तैयार नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या की गई है। यह एक आदिवासी पुलिस पदाधिकारी की हत्या है। धरना में पंडरा मुखिया सुनिल तिर्की ने कहा कि इस तरह से यदि राज्य में घटनाएं होती रहेंगी तो आने वाले दिनों में गलती करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता चला जाएगा। बाइस पडहा जतरा समिति के अध्यक्ष बुधवा उरांव ने कहा कि आज एक आदिवासी मुख्यमंत्री के होते हुए भी आदिवासी समाज सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
बहू बेटियों की इज्जत दांव पर लगी है। कभी भी किसी के साथ गलत हो रहा है। झारखंड सरकार घटनाओं पर अपना केवल कटाक्ष करती आई है। जबकि ऐसी घटनाओं पर प्राथमिकता से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि राज्य शर्मसार होने से बच जाए। धरना में मुख्य रूप से सती तिर्की, चरकू उरांव, धरमू उरांव, लालू उरांव, मुन्तजीर खान, सिम्पी कुजूर, शोभा तिर्की, मीना देवी, बिजय तिर्की, अन्नु मुंडा, बितनी तिर्की आदि शामिल थे।
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