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झारखंड में सीटों पर फंसेगा पेच! I.N.D.I.A में आसान नहीं होगी दावेदारी, लोकसभा चुनाव में भी यहां हुई थी खींचतान

Jharkhand Election Politics झारखंड में आने वाले समय में होने वाले चुनावों को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। फिलहाल प्राथमिक दौर की बातचीत हुई है। हालांकि लोकसभा चुनाव में यहां सीटों को लेकर पेच फंसा था। ऐसे में कांग्रेस झामुमो के बाद छोटे दल जैसे भाकपा-माकपा और यहां तक कि राजद भी अपने कोटे में सीटें बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगाएंगे।

By Pradeep singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 04 Sep 2024 07:57 PM (IST)
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Jhakhand Election: झारखंड में चुनाव से पहले सीटों पर पेच फंस सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Election: झारखंड विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें झटकने की आस में आईएनडीआईए के भीतर दबाव की राजनीति तेज हो गई है।

गठबंधन के प्रमुख घटक दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की अपनी-अपनी दावेदारी है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ज्यादा सीटें लेने में कामयाब हुई थी, लेकिन कम सीटें लेने के बावजूद झामुमो की सफलता का दर बेहतर रहा।

इसके अलावा कांग्रेस की सीटिंग सीट सिंहभूम को अपने पाले में करने में झामुमो को कामयाबी मिली। उसी समय यह भी तय हो गया था कि विधानसभा चुनाव में झामुमो के पाले में ज्यादा सीटें आएंगी।

लेकिन, सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस की दावेदारी को देखते हुए अब ऐसा लग रहा है कि गठबंधन के दोनों प्रमुख दलों के बीच सीटों की हिस्सेदारी आसानी से नहीं होगी।

बातचीत का सिलसिला शुरू

बातचीत का सिलसिला अभी आरंभिक दौर में है और दोनों दलों के नेता दावे कर रहे हैं। झामुमो का ज्यादा फोकस जिताऊ प्रत्याशियों पर है। कांग्रेस ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर झामुमो की उलझन को बढ़ाया है।

पार्टी की दावेदारी 33 सीटों की है, जिसमें मांडू और पोड़ैयाहाट शामिल है। हालांकि, झामुमो के रुख से स्पष्ट है कि पार्टी के रणनीतिकार कांग्रेस की प्रेशर पालिटिक्स से प्रभावित नहीं होंगे। झामुमो की तरफ से यह संदेश भी दिया गया है।

मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात में आरंभिक बात हुई है। हेमंत सोरेन ने भी मुलाकात के बाद कहा है कि चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा आरंभ होगी।

छोटे दलों के भी बड़े दावे

गठबंधन के बड़े दलों की दावेदारी से इतर राजद और वामदलों की भी अपनी-अपनी दावेदारी है। राजद को 20 से अधिक सीटें चाहिए। भाकपा (माले) और मासस में हाल ही में समझौता हुआ है।

इसके तहत मासस का भाकपा (माले) में विलय होगा। ऐसे में दोनों मिलकर अधिक सीटों की दावेदारी करेंगे। दोनों दलों के एकजुट होने से प्रभाव क्षेत्र का भी विस्तार होगा। इसके अतिरिक्त वामदलों में भाकपा और माकपा की भी दावेदारी होगी।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में भाकपा (माले) के लिए कोडरमा लोकसभा सीट छोड़ी गई थी। यहां से बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह चुनाव मैदान में थे। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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