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ISIS के दो आतंकी झारखंड से गिरफ्तार; PAK से जुड़े तार, रच रहे थे फलिस्तीन में फिदायनी हमले की साजिश

Jharkhand Crime News झारखंड पुलिस की एटीएस ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके तार पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े हुए थे। बताया जा रहा है कि दोनों ही फलिस्तीन में जाकर फिदायीन हमला करने की साजिश रच रहे थे। दोनों ही सोशल मीडिया पर चैट के माध्यम से अपने आतंकी संगठनों के संपर्क में थे। ये कश्मीर के युवकों से भी संपर्क बनाए हुए थे।

By Dilip KumarEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 08 Nov 2023 07:04 PM (IST)
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ISIS के दो आतंकी झारखंड से गिरफ्तार; PAK से जुड़े तार, रच रहे थे फलिस्तीन में फिदायनी हमले की साजिश

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Crime News : झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गोड्डा व हजारीबाग से आतंकी संगठन आइएसआइएस (ISIS) के सक्रिय दो आतंकियों (Terrorists) को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार आतंकियों में गोड्डा जिले के रहमतनगर, महमूदनगर असनबनी निवासी आरिज हसनैन व हजारीबाग के पेलावल ओपी स्थित महतो टोला निवासी नसीम शामिल हैं।

दोनों पाकिस्तान व अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों के संपर्क में थे। इनका लक्ष्य फलिस्तीन जाकर फिदायीन हमला कर मस्जिद-ए-अल अक्सा को यहूदियों से आजाद कराना था।

फेसबुक से करते थे प्रचार

दोनों इंटरनेट मीडिया के माध्यम से विभिन्न आतंकी संगठनों का प्रतिबंधित वीडियो देखकर अपने साथियों में इसका प्रचार करते थे।

इसी क्रम में वर्ष 2020 से ही ये फेसबुक के माध्यम से कई कश्मीरी युवक-युवतियों के भी संपर्क में आए। एटीएस इसकी भी जांच कर रही है। ये प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सदस्य हैं।

संगठन का प्रचार-प्रसार, फंड एकत्रित करना, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करना, दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न करने जैसे संदेश विभिन्न लोगों के बीच भेजना तथा आतंकी संगठनों के सदस्यों का महिमा मंडन करना इनका मुख्य कार्य था।

एक आरोपी कल जाएगा जेल

इनके विरुद्ध यूएपी अधिनियम में केस दर्ज किया गया है। एक आरोपित आरिज हसनैन को एटीएस ने बुधवार को जेल भेज दिया।

दूसरा आरोपित नसीम को गुरुवार को जेल भेजा जाएगा। इसके बाद एटीएस दोनों को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी।

आतंकियों तक ऐसे पहुंची झारखंड एटीएस

झारखंड पुलिस की एटीएस टीम को गुप्त सूचना मिली कि आइएसआइएस आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य आरिज हसनैन संगठन में सक्रिय है।

वह इंटरनेट मीडिया व अन्य माध्यमों से संगठन का प्रचार-प्रसार कर रहा है तथा भोले-भाले लोगों को गुमराह कर संगठन से जोड़ रहा है।

वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। इसी सूचना के आलोक में एटीएस की एक टीम सूचना सत्यापन के लिए गोड्डा गई।

जांच के क्रम में एटीएस ने प्रथम दृष्ट्या आरिज की गतिविधि को संदेहास्पद मिली। आरिज हसनैन को रांची लाकर एटीएस ने पूछताछ की।

पूछताछ में आतंकी ने खुद को आइएसआइएस व अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े होने की बात बताई। उसके मोबाइल में टेलीग्राम से एक संदिग्ध चैट मिली है।

टेलीग्राम चैट के माध्यम से पकड़ा गया दूसरा सहयोगी

आरिज हसनैन के मोबाइल में मिले टेलीग्राम चैट से आइएसआइएस का दूसरा आतंकी नसीम का पता चला। वह हजारीबाग के पेलावल ओपी का रहने वाला है।

एटीएस को नसीम के बारे में उसके आइएसआइएस से जुड़े होने की जानकारी मिली। नसीम ने ही आरिज हसनैन को जेहाद व कुफ्र वीद तागूत नामक पुस्तक भेजी थी।

उक्त दोनों पुस्तकें जेहाद व आइएसआइएस के नजरिया को बताता है। इसी आइडी से चैट करते हुए नसीम ने आरिज हसनैन को आइएसआइएस संगठन का बाइट भी भेजा था।

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