झारखंड में सिंचाई के परंपरागत तरीकों को बदलते हुए छह मेगा लिफ्ट परियोजनाओं पर होगा काम... किसानों को होगा ये फायदा
Jharkhand News झारखंड जल संसाधन विभाग ने सिंचाई के परंपरागत तरीकों को बदलते हुए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस किया है। इस परियोजना के माध्यम से लगभग 1.58 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News झारखंड की सिंचाई परियोजनाओं में भू-अर्जन से आ रही समस्या और कम होती कृषि भूमि से सबक लेते हुए अब जल संसाधन विभाग ने सिंचाई के परंपरागत तरीकों को बदलते हुए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस किया है। इससे किसानों की जमीन तो बचेगी, साथ ही ऊंचाई वाले स्थानों पर सिंचाई के संसाधन भी मुहैया कराए जा सकेंगे। झारखंड बजट में मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस किया गया है। छह वृहद सिंचाई परियोजनाओं में यह प्रयोग किया जाएगा। इनमें मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना भी शामिल हैं, जिसे पिछले माह कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है।
लगभग 1.58 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि पारंपरिक नहर प्रणाली से निचली भूमि में गुरुत्व के माध्यम से सिंचाई की सुविधा कराई जाती है। इस व्यवस्था से ऊंचाई पर स्थित खेतों में सिंचाई नहीं हो पाती। यही वजह है कि ऊंचाई पर स्थित खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मेगा लिफ्ट परियोजना क्रियान्वित करने की रूप रेखा तैयार की गई है। इसके तहत वर्तमान में छह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऊंचाई पर स्थित लगभग 1.58 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इन योजनाओं में भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई होने के कारण किसानों की भूमि अधिग्रहित नहीं होगी। नहर प्रणाली के कारण आवागमन में जो कठिनाई होती है वह भी नहीं होगी। जल की बर्बादी भी नहीं होगी तथा योजना शीघ्र पूरी की जा सकेगी।
इन छह वृहद सिंचाई योजनाओं में होगा उपयोग
- कनहर बराज योजना
- मसलिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना
- सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना
- पलामू पाइप लाइन सिंचाई योजना
- तिलैया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना
- भोगनाडीह मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना