झारखंड में पीएम आवास योजना की तर्ज पर अब वेद व्यास आवास योजना के तहत 500 मछली पालकों को पक्का घर मिलेगा। इसमें 280 वर्ग फीट में आवास का निर्माण होना है। घर बनाने के लिए लाभुक के खाते में चार किस्तों में राशि दी जा रही है। कुल 1.20 लाख रुपये लाभुकों को मिलेंगे। मछली पालन करने वाले गरीब किसानों को इसका लाभ दिया जाना है।
मनोज सिंह, रांची।
मत्स्य विभाग की ओर से मछली पालकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मछली पालकों को पीएम
आवास योजना की तर्ज पर अब वेद व्यास आवास योजना के तहत आवास दिया जा रहा है। इसके लिए लाभुक को आवास से संबंधित किसी अन्य प्रकार लाभ नहीं मिला होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें मत्स्य विभाग में मछली पालक के रूप में पंजीयन होना चाहिए।
राज्य में 1.65 लाख मछली पालक किसान पंजीकृत हैं। योजना के अनुसार, लाभुकों को 1.20 लाख रुपये आवास बनाने के लिए दिया जा रहा है। 280 वर्ग फीट में आवास बनाया जाना है। जिसके लिए लाभुक के खाते में चार किस्तों में राशि दी जा रही है।
राज्य में देवघर में सबसे ज्यादा 70 और सबसे कम पश्चिमी सिंहभूम जिले में 10 आवास ही मछली पालक को दिया जा रहा है। इस योजना में सामान्य श्रेणी के मछली पालकों को 250, एससी के लिए 50 और एसटी के लिए 200 आवास बनाया जा रहा है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी को देना होगा आवेदन
मछली पालन करने वाले गरीब किसानों को इसका लाभ दिया जाना है। जिसके लिए उन्हें जिला मत्स्य पदाधिकारी के
यहां आवेदन देना है। उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी इसकी स्क्रूटनी करेगी। इसमें बीडीओ और सीओ से सत्यापन रिपोर्ट मांगी जाती है।
सत्यापन के बाद ही लाभुक को इस योजना का लाभ दिया जाता है। इसके लिए विभाग की ओर से करीब 60 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। सत्यापन के बाद पहली बार लाभुक के खाते में 24 हजार रुपये की राशि भेजी जाएगी।
इसके बाद 18 हजार और तीसरी किस्त 45 हजार रुपये की होगी। फिर ढलाई करने के समय शेष राशि मछली पालक किसान के खाते में भेज दी जाएगी। आवास बनाने की प्रक्रिया का सत्यापन मत्स्य सुपरवाइजर करते हैं। इसके बाद जिला मत्स्य पदाधिकारी की ओर से राशि खाते में भेजी जाती है।
1.65 लाख मछली पालकों का हुआ बीमा
विभाग की ओर से केंद्र और राज्य सरकार की साझा योजना के तहत राज्य के 1.65 लाख किसानों का पांच लाख रुपये का जीवन बीमा किया गया है। इसके लिए किसानों को एक भी पैसा नहीं देना है।
योजना के तहत केंद्र का 60 प्रतिशत
और राज्य का 40 प्रतिशत अंशदान है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 17 वर्ष से लेकर 70 साल तक के मछली पालकों का किया गया है। बीमा के तहत अगर मछली पालक का निधन होता है, तो उसके आश्रितों को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
जिलावार वेद व्यास आवास निर्माण योजना
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रांची - 35
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गुमला- 23
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सिमडेगा- 20
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गढ़वा- 28
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पश्चिमी सिंहभूम- 10
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कोडरमा- 35
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बोकारो- 29
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धनबाद- 28
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गिरिडीह- 30
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चतरा- 39
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देवघर 70
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दुमका- 50
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जामताड़ा- 22
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पाकुड़- 25
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साहिबगंज- 33
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गोड्डा- 23
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