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Arjun Munda : झारखंड की इस हॉट सीट से चुनाव मैदान में कद्दावर नेता अर्जुन मुंडा, जानें कैसा है सियासी समीकरण?

झारखंड की खूंटी लोकसभा क्षेत्र से जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव मैदान में हैं। भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर अर्जुन कद्दावर नेता कड़िया मुंडा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। पिछले चुनाव में काफी कम 1445 वोटों के अंतर से जीते अर्जुन मुंडा को इस बार कांग्रेस के वोटों में बिखराव का फायदा हो सकता है।

By Pradeep singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 02 May 2024 06:59 PM (IST)
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झारखंड की खूंटी सीट से चुनाव मैदान में कद्दावर नेता अर्जुन मुंडा। (फाइल फोटो)

प्रदीप सिंह, खूंटी। झारखंड की खूंटी सीट से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव मैदान में हैं। अर्जुन कद्दावर नेता कड़िया मुंडा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। पिछले चुनाव में काफी कम 1445 वोटों के अंतर से जीते अर्जुन मुंडा को इस बार कांग्रेस के वोटों में बिखराव का फायदा हो सकता है।

ईसाई मिशनरियों और पत्थलगड़ी के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में इस बार चर्च और पत्थलगड़ी विद्रोह से जुड़े उम्मीदवार भी मैदान में हैं। वहीं झामुमो के एक पूर्व विधायक भी निर्दलीय लड़ रहे हैं।

अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में उम्मीदवार लोगों को अलग-अलग मुद्दों पर गोलबंद करने में भी जुटे हैं। कांग्रेस ने अर्जुन मुंडा के मुकाबले कालीचरण मुंडा को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रचार अभियान अब गति पकड़ चुका है।

पिछले चुनाव में कालीचरण मुंडा ने अर्जुन मुंडा को कड़ी टक्कर देकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी। भगवान बिरसा मुंडा की इस धरती पर राजनीतिक कब्जे को लेकर हर ओर से कवायद हो रही है। स्टार प्रचारकों का दौरा भी इसपर आने वाले दिनों में असर डालेगा।

बूथों तक मतदाताओं को पहुंचाने की कवायद

हेसाहातू चौक पर लगा पत्थर पुराने दिनों की याद दिलाता है, जब क्षेत्र में पत्थलगड़ी की धूम थी। इस लिखा है - सबसे ऊपर ग्रामसभा। तब गांव-गांव में इस आंदोलन का इतना असर हुआ था कि अधिकारियों तक का प्रवेश वर्जित हो गया।

नाराज ग्रामीणों ने एक बार 24 घंटे तक वरीय प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बना लिया था। पुलिस हस्तक्षेप से सबकुछ शांत तो हुआ, लेकिन इसका असर आज भी है।

इलाके बंटे हैं और लोगों का मन-मिजाज भी उसी मुताबिक बना हुआ है। अलग-अलग खेमेबंदी स्पष्ट झलकती है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला यह क्षेत्र बुंडू-तमाड़ से लेकर दूरस्थ सिमडेगा तक फैला है और छह विधानसभा क्षेत्रों के अलग-अलग समीकरण और गणित हैं। इसी के इर्द-गिर्द रणनीति भी बन रही है।

हेसाहातू से आगे एक गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं का जत्था इसी मुहिम में लगा है कि जल्द से जल्द लोगों तक कैसे मतदान की पर्ची पहुंचाई जाए।

कई इलाकों से खबर आ रही है कि पर्ची लोगों तक नहीं पहुंचने के कारण वे बूथ तक नहीं जा पाए। इस कमी को पाटा जा रहा है।

पूर्व सांसद कड़िया मुंडा सभा करने के लिए आ रहे हैं। उसकी भी तैयारी चल रही है। सदान गांवों का मूड अलग है तो मुंडाओं के गांवों में सबकुछ भीतर-भीतर चल रहा है। ईसाई वोटों का रुख भी तय हो रहा है। दूरस्थ इलाकों में इनकी मर्जी के बगैर पत्ता नहीं हिलता।

कांग्रेस प्रत्याशी के भाई हैं भाजपा विधायक

यह भी दिलचस्प है कि खूंटी के कांग्रेस विधायक कालीचरण मुंडा के भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा के स्थानीय विधायक हैं। दोनों अलग-अलग दल में हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी के भाई भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर साथ दे रहे हैं। कांग्रेस के कालीचरण दोबारा किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन चर्च के प्रभाव वाले इलाकों में वे अपनी पैठ नहीं बना पा रहे हैं।

दरअसल, चर्च के स्थानीय पदाधिकारियों का दावा है कि कांग्रेस ने ईसाई प्रत्याशी का वादा किया था। यह पूरा नहीं हुआ। ऐसे में इन्हें सबक सिखाने का इरादा है। विरोध जताकर यह भी संदेश दिया जाएगा ताकि भविष्य में ईसाई प्रत्याशी को मौका मिल सके।

छह विधानसभा क्षेत्र में बंटा है खूंटी

खूंटी लोकसभा क्षेत्र के दायरे में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें खूंटी और तोरपा पर भाजपा का कब्जा है, जबकि सिमडेगा और कोलेबिरा में कांग्रेस एवं तमाड़ और खरसावां में झामुमो के विधायक हैं।

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