केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दावा- '2024 तक अमेरिका के बराबर हो जाएंगे भारत के राजमार्ग'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत का राजमार्ग ढांचा 2024 तक अमेरिका के बराबर हो जाएगा जिसके लिए समयबद्ध मिशन मोड में काम चल रहा है। नितिन गडकरी ने कहा कि भारतमाला 2 के लिए जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 26 Mar 2023 11:58 AM (IST)
रांची, एजेंसी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत का राजमार्ग ढांचा 2024 तक अमेरिका के बराबर हो जाएगा, जिसके लिए समयबद्ध 'मिशन मोड' में काम चल रहा है और ग्रीन एक्सप्रेसवे और रेल ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
'2024 तक अमेरिका के बराबर हो जाएंगे भारत के राजमार्ग'
नितिन गडकरी ने कहा कि 'भारतमाला 2' के लिए जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है और एक बार इसके बाद यह देश में एक मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। गडकरी ने कहा मुझे विश्वास है कि भारत के राजमार्ग 2024 तक अमेरिका के बराबर हो जाएंगे। भारत की लंबाई और चौड़ाई में हरित एक्सप्रेसवे के नेटवर्क सहित एक मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए समयबद्ध मिशन मोड में काम चल रहा है।
'कैलाश मानसरोवर परियोजना का 93 प्रतिशत काम पूरा'
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस साल 16,000 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जिसे पांच साल में बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर राजमार्ग परियोजना पर गडकरी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर परियोजना पर 93 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस परियोजना के पूरा होने के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्री दुर्गम उच्च ऊंचाई वाले इलाके के माध्यम से कठिन यात्रा से बच सकते हैं और यात्रा की अवधि कई दिनों तक कम हो जाएगी। वर्तमान मेंसिक्किम या नेपाल मार्गों के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में लगभग दो से तीन सप्ताह लगते हैं।क्या है भारतमाला परियोजना
भारतमाला फेज 2 पर नितिन गडकरी ने कहा भारतमाला फेज 2 के लिए जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है जो राजमार्गों के निर्माण में और तेजी लाएगा। शुरूआत में दूसरे चरण के तहत लगभग 5,000 किलोमीटर राजमार्ग नेटवर्क की परिकल्पना की गई है। बता दें कि भारतमाला परियोजना देश में 580 से अधिक जिलों को जोड़ने वाले लगभग 35,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों को विकसित करने के लिए भारत का सबसे बड़ा बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है।
झारखंड में सात ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर चल रहा है काम
गडकरी ने कहा कि झारखंड में सात ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, इकोनॉमिक कॉरिडोर और इंटर कॉरिडोर का काम 70,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से बेहतर संपर्क के लिए 50,000 करोड़ रुपये का काम किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि रांची-वाराणसी इंटर कॉरिडोर के लिए 6,200 करोड़ रुपये की लागत से 4-लेन इंटर कॉरिडोर का काम किया जा रहा है, जिससे रांची और वाराणसी के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आएगी।रायपुर-धनबाद आर्थिक कॉरिडोर का किया जा रहा निर्माण
नितिन गडकरी ने बताया कि इसी तरह 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से 635 किलोमीटर रायपुर-धनबाद आर्थिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है और इससे कोयला, स्टील, सीमेंट और खनिजों का तेजी से आवागमन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि वाराणसी-चोरदाहा (झारखंड-बिहार सीमा) 6-लेन 262 किलोमीटर का आर्थिक गलियारा पूरा होने पर झारखंड से कोलकाता, असम, सिक्किम, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश को उत्कृष्ट परेशानी मुक्त कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
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