Jharkhand Unique: झारखंड के शहरों व संगठनों के 21 पुराने रोचक नाम, पढ़कर चौंक उठेंगे आप
Unique In Jharkhand झारखंड के इलाकों और संगठनों को हमारे पुरखे पहले किस नाम से पुकारते थे यह सवाल जितना दिलचस्प है उतना ही दिलचस्पी इन नामों को जानने की भी होगी। आइए आज आपको झारखंड के 21 ऐसे क्षेत्र व संगठन का नाम पुराना नाम बताते हैं।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 28 Aug 2022 04:34 PM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। Jharkhand Unique Information झारखंड राज्य का गठन भले ही वर्ष 2000 में हुआ, लेकिन यह क्षेत्र इतिहास व खनिज संपन्न होने के कारण भारत के मानचित्र पर आदिकाल से अंकित रहा है। भारत के मानचित्र पर वर्ष 2000 में पीएम अटलबिहार वाजपेयी के शासनकाल में यह स्वतंत्र राज्य के रूप में अंकित हुआ। यहां के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। झार और खंड शब्द से बना यह झारखंड शब्द का अर्थ वन प्रदेश से है। यह ऐसा राज्य है, जहां बड़े पैमाने पर खनिज संपदा उपलब्ध है।
हर क्षेत्र में मजबूत दखल रखता है झारखंड24 जिलों वाले इस झारखंड के हर क्षेत्र की अपनी राेचक कहानी भी है। इन कहानियों के नायक आदिवासी हैं। बात ब्रिटिश शासन से लड़ने की हो या कला-संस्कृति की, हर क्षेत्र में झारखंड मजबूत दखल रखता है। झारखंड ने देश को कई ऐसे नायक दिए जिन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया। भगवान बिरसा मुंडा से लेकर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी तक इसके उदाहरण हैं। फिल्म अभिनेता इम्तियाज अली से लेकर दर्जनों अभिनेत्रियां इस माटी की खुशबू देश-दुनिया में बिखेर रही हैं।
समय के साथ बदले क्षेत्र व संगठन के नामलेकिन क्या आप जानते हैं कि झारखंड के पुराने शहरों, कारखानों, संगठनों और इलाकों का पुराना नाम क्या था? आज देश में जहां नाम बदलने की राजनीति चल रही है, वहीं झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां कई चीजों के नाम समय के साथ-साथ बदलते रहे हैं। इन नामों से आज की युवा पीढ़ी शायद ही वाकिफ होगी। बेहद दिलचस्प हैं ये नाम। आज मैं आपको कुछ ऐसे ही पुराने नामों से रूबरू करा रहा हूं। इन नामों को पढ़कर आप चौंक जाएंगे।
जानिए पहले किस नाम से पुकारते थे पुरखे
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- छोटा नागपुर को पहले पुण्ड या पुंड्र के नाम से लोग पुकारते थे।
- रांची क्षेत्र का पुराना नाम कोकरा या सुखरा रह चुका है।
- रांची का पुराना नाम विलकिंसनगंज और विशुनपुर रहा है।
- पलामू का पुराना नाम पलाउन और पालून हुआ करता था।
- डालटनगंज का नाम दशकों पहले बिजराबाग हुआ करता था।
- संथाल परगना काे लोग एक जमाने में नरीखंड या जंगल तराई नाम से संबोधित करते थे।
- टाटा नगर स्टेशन का पुराना नाम काली माटी स्टेशन हुआ करता था।
- बैद्यनाथ धाम देवघर का पहले बैजनाथ मठ नाम हुआ करता था।
- बोकारो शहर का पुराना नाम माराफारी हुआ करता था।
- मयूराक्षी का दशकों पहले मोरखी नाम हुआ करता था।
- रांची पहाड़ी का पुराना नाम फांसी टुंगरी था। यहां फांसी दी जाती थी।
- रांची झील का पुराना नाम साहेब बांध हुआ करता था।
- दुमका स्थित मलूटी को एक जमाने में लोग गुप्त काशी नाम से पुकारते थे।
- श्रीरामरेखा पर्वत को लोग प्रवर्षण गिरी नाम से पुकारते थे
- टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (TELCO ) का नाम पेनिसुलर लोकोमोटिव कंपनी था।
- इंडियन एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड का पुराना नाम एल्यूमीनियम प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड आफ इंडिया था।
- केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची का पुराना नाम यूरोपियन लूनेटिक एसाइलम हुआ करता था।
- संत कोलंबा महाविद्यालय हजारीबाग का पहले डब्लिन यूनिवर्सिटी मिशन कालेज हजारीबाग था।
- झारखंड कला संगम का पुराना नाम नागपुरी कला संगम बताया जाता है।
- कीनन स्टेडियम जमशेदपुर का नाम एक जमाने में टेंपल ग्राउंड जमशेदपुर हुआ करता था।
- जमशेदपुर को पहले लोग साकची के नाम से पुकारते थे। अब साकची एक क्षेत्र मात्र है।