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UPSC में फेल होने के बाद शुरू किया फर्जी मार्कशीट बनाना, अशिक्षितों को दे दिए बड़े-बड़े विवि के सर्टिफिकेट; रांची में खूब चला खेल

Ranchi News रांची में फर्जी मार्कशीट बनाने का खेल चल रहा था। इस मामले में पकड़े गया आरोपित मुकेश जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली से स्नातक है। वह प्रशासनिक अफसर बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा भी दे चुका है। इसमें फेल होने के बाद से फर्जी मार्कशीट बनाने लगा। वह कई अशिक्षितों और मजदूरों को बड़ी युनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट देकर नौकरी दिलाने में मदद कर चुका है।

By kumar Gaurav Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 24 Dec 2023 08:47 AM (IST)
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UPSC में फेल होने के बाद शुरू किया फर्जी मार्कशीट बनाना, अशिक्षितों को दे दिए बड़े-बड़े विवि के सर्टिफिकेट
जेएनएन, रांची/इंदौर। रांची के बरियातू हाउसिंग कालोनी के एक फ्लैट में जाली मार्कशीट व अन्य सर्टिफिकेट बनाने का खेल चल रहा था। बिहार के पूर्णिया जिला के रूपौली का रहनेवाला कुमार आर्यन उर्फ मुकेश कुमार अपने चचेरे भाई के अमित कुमार उर्फ आनंद सिंह के साथ मिलकर 10वीं बोर्ड से लेकर मेडिकल, इंजीनियरिंग और दिल्ली सहित तमाम विश्वविद्यालयों के फर्जी सर्टिफिकेट छापकर हजारों रुपये में बेचता था।

मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने शनिवार रांची के बरियातू में छापेमारी कर फर्जी सर्टिफिकेट बेचने वाले दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया।

इन लोगों को किया गया गिरफ्तार

बरियातू थाना प्रभारी ने बताया कि इंदौर की विजयनगर थाने की पुलिस की निशानदेही पर वहां की टीम के साथ मिलकर फ्लोरा रिजेंसी अन्नपूर्णा एन्क्लेव के 4-डी में छापेमारी कर यहां रह रहे 21 वर्षीय कुमार आर्यन उर्फ मुकेश पिता कृष्ण कुमार सिंह उर्फ शंभु सिंह तथा उसके चचेरे बड़े भाई 40 वर्षीय अमित कुमार उर्फ आनंद सिंह पिता स्व. चंद्रकिशोर सिंह को गिरफ्तार किया गया।

यूपीएससी में फेल होने के बाद...

पकड़े गए आरोपितों के पास से न्यायालय, पुलिस स्टेशन, स्कूल, तहसील की 200 से ज्यादा जाली मुहर के साथ देश की कई युनिवर्सिटी व स्कूलों की खाली और भरी फर्जी मार्कशीट के साथ आठ मोबाइल फोन, तीन लैपटाप और प्रिंटर जब्त किए गए हैं।

मुकेश जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली से स्नातक है। वह प्रशासनिक अफसर बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा भी दे चुका है। इसमें फेल होने के बाद से फर्जी मार्कशीट बनाने लगा। वह कई अशिक्षितों और मजदूरों को बड़ी युनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट देकर नौकरी दिलाने में भी मदद कर चुका है।

इंदौर के जोन-2 डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक पुलिस ने कुछ महीने पूर्व आशीष श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर दिनेश तिरोले (खंडवा नाका) और मनीष राठौर (उज्जैन) को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि दिनेश बिहार के मुकेश कुमार के संपर्क में है, जो मनचाहे स्कूल-कालेज और विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचने के लिए उसके पास भेजता है। जैसे ही गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई, मुकेश ठिकाना बदलकर छुप गया। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर जानकारी जुटाई और उसे रांची से पकड़ा।

गिरोह के कई सदस्य अब भी फरार

इंदौर पुलिस के अनुसार, इस गिरोह के कई सदस्य अब भी फरार हैं। इनमें कई युवतियां व महिलाएं भी शामिल हैं। इंदौर पुलिस के अनुसार, इस मामले में पूर्व में 11 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि 35 अभी फरार हैं। पुलिस ने 28 अक्टूबर को इंदौर में आरोपितों के विरुद्ध पांच हजार पन्नों का चालान पेश किया था।

ऐसे करता था खेल

आरोपित मुकेश ने पुलिस को बताया है कि वह जस्ट डायल से शिक्षण संस्थान, कंसल्टेंट, कोचिंग सेंटर आदि का डेटा ले लेता था। इसके बाद उसके साथ काम करने वाली रिया मार्कशीट के लिए लोगों को काल करती थी। इनमें जो लोग फर्जी सर्टिफिकेट लेने में रुचि दिखाते थे, उनसे रेट तय कर जाली सर्टिफिकेट उपलब्ध करा दिया जाता था।

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