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UPSC Topper 2023: रांची की आकांक्षा सिंह ने खुद से की तैयारी, मिला 44वां स्थान; बताई इंटरव्यू में पूछे गए सवाल

UPSC Topper 2023 आकांक्षा सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 44वां स्थान हासिल किया है। फिलहाल एसएस मेमेारियल कॉलेज रांची में भूगोल पढ़ाती हैं। उन्होंने 2022 में ज्वाइन किया था। पिता चंद्र कुमार सिंह 2019 में कल्याण विभाग झारखंड सरकार में संयुक्त सचिव पद से अवकाश प्राप्त किए हैं। आकांक्षा ने बताया कि जमशेदपुर से इंटर किया।

By SANJAY KRISHNA Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 16 Apr 2024 07:54 PM (IST)
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UPSC Topper 2023: रांची की आकांक्षा सिंह ने खुद से की तैयारी, मिला 44वां स्थान (फोटो- जागरण)
जागरण संवाददाता, रांची। आकांक्षा सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 44वां स्थान हासिल किया है। वे अभी एसएस मेमेारियल कॉलेज, रांची में भूगोल पढ़ाती हैं। यहां उन्होंने 2022 में ज्वाइन किया था। पिता चंद्र कुमार सिंह 2019 में कल्याण विभाग, झारखंड सरकार में संयुक्त सचिव पद से अवकाश प्राप्त किए हैं।

आकांक्षा ने बताया कि जमशेदपुर से इंटर किया। इसके बाद मिरांडा हाउस दिल्ली से बीए ऑनर्स किया। जेएनयू से एमए एमफिल और वहीं से अभी उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विषय पर पीएचडी कर रही हैं। इस सफलता पर कॉलेज की प्राचार्य डॉ. बंदना राय ने भी बधाई दी। कहा कि हमारे कॉलेज का नाम रौशन किया है।

परीक्षा के पैटर्न को समझना जरूरी- आकांक्षा

आकांक्षा कहती हैं कि सिविल सेवा की परीक्षा के लिए परीक्षा पैटर्न को समझना जरूरी है। इसके लिए कोचिंग की जरूरत नहीं होती है। हमने आनलाइन और घर से ही तैयारी की। प्रीलिम्स और मेंस की तैयारी घर से कर सकते हैं। पर्सनालिटी टेस्ट (इंटरव्यू) के लिए कोचिंग कर सकते हैं। पहली बार 2018 में परीक्षा दी थी, लेकिन निकला नहीं। इसके बाद भी हार नहीं मानी।

उन्होंने बताया कि मुझे भरोसा था। इसके बाद तैयारी शुरू की। मेरा मुख्य विषय भूगोल था और यहां कॉलेज में भी भूगोल पढ़ाती थी। यहां रीविजन हो जाता था, जो टॉपिक मैच करता था, उस पर विशेष ध्यान देती थी। बाकी आठ-दस घंटे तो पढ़ाई करती थी। 2023 में हमने प्रीलिम्स के लिए कोचिंग ली थी। जेपीएससी की परीक्षा भी दी थी। इंटरव्यू का पैटर्न यहां समझ में आ गया था।

आकांक्षा का प्रकृति के प्रति है झुकाव

आकांक्षा ने बताया कि हमें प्रकृति से लगाव है। इसलिए, हमने भूगोल लिया। भूगोल नहीं लेती तो बॉटनी पढ़ती। पिता से ही सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा मिली। बड़े भाई मेरे आईटी सेक्टर में हैं। हालांकि टीचिंग तो वैकल्पिक था ही। यदि यहां सफल नहीं होते तो अध्यापन तो था ही, लेकिन मुझे पूरा भरोसा था।

इंटरव्यू में पूछे गए झारखंड से जुड़े सवाल- आकांक्षा

आकांक्षा ने बताया कि झारखंड से जुड़े कई सवाल पूछ गए। जमशेदपुर के बारे में, कोल मांइस के बारे में, झरिया में लगी आग के बारे में भी सवाल पूछा गया था। तीन जनवरी को इंटरव्यू था, जिसको को लेकर भी सवाल पूछा गया था। एक सवाल विकास को लेकर था कि बिहार से झारखंड अलग होने के बाद भी झारखंड का विकास क्यों नहीं हो पा रहा है?

आकांक्षा ने बताया- कैसे करें छात्र तैयारी

तैयारी करने वाले छात्रों के लिए आकांक्षा कहती हैं कि परिश्रम तो जरूरी है ही। अभी 2018 से परीक्षा का पैटर्न बदल गया है। इसे बेहतर ढंग से समझना जरूरी है। इसे पूरी तरह समझ लें। इसके बाद तो ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा है। घर पर रहकर तैयारी कर सकते हैं। इस सर्वोच्च परीक्षा में परिश्रम तो करनी ही पड़ेगी। बिना संघर्ष कुछ हासिल नहीं होता।

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