नहीं रहे नागपुरी साहित्यकार डा. भुनेश्वर अनुज
लोक सेवा समिति के केंद्रीय सदस्य डा. भुनेश्वर अनुज का शुक्रवार को निधन हो गया।
जागरण संवाददाता, रांची : लोक सेवा समिति के केंद्रीय सदस्य डा. भुनेश्वर अनुज का शुक्रवार को निधन हो गया। ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें सुबह करीब सात बजे सेवा सदन में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान वह जिदगी से जंग हार गए। दोपहर करीब पौने तीन बजे उनका निधन हो गया। डा. भुवनेश्वर अनुज से गहरे जुड़े रांची विवि के हिदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा जंगबहादुर पांडेय ने बताया कि अनुज का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को निर्धन कृषक परिवार में हुआ था। वे अपनी कर्मवीरता के बदौलत कई शैक्षणिक संस्थाओं के जनक थे। वर्ष 1980 में स्थापित संजय गांधी मेमोरियल कालेज रांची और बसिया कालेज बसिया इसके उदाहरण हैं। पांडेय ने अनुज के निधन को शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि डा. अनुज बेहद संवेदनशील साहित्यकार और कवि थे। नागपुरी साहित्य में उनकी गहरी पैठ रही। अनुज जाने-माने भाषाविद, नागपुरी लोक साहित्य के अध्येता व संग्राहक, अनेक पुस्तकों के रचयिता, कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादक-प्रकाशक और एक शिक्षाविद थे। उन्होंने नागपुरी भाषा-साहित्य के उन्नयन के लिए जीवनभर प्रयास किए। उनकी प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें हैं- नागपुरी लोक साहित्य, अतीत के दर्पण में झारखंड, छोटानागपुर के प्राचीन स्मारक, झारखंड के शहीद, सीतक बूंद, नागपुरी और उसका लोकमानस, नागपुरी लोककथा साहित्य, नागपुरी पद्य लोक साहित्य, नागपुरी गद्य लोक साहित्य आदि रही। इसके अलावा कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। इसमें मुख्य हैं- दुई डाइर बीस फूल, एक झोपा नागपुरी फूल, खुखड़ी रूगड़ा आदि। डा. पंपा सेन विश्वास, डीएल शर्मा, डा. प्रशांत गौरव, मोहम्मद नौशाद, डा. मिथलेश, प्रो. अशोक सिंह, प्रो. एके सिंह, डा. जीतेंद्र सिंह ने निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।