नाराज आंगनबाड़ी वर्करों की चेतावनी, झारखंड सरकार को दिया अल्टीमेटम
विभाग के निर्देश पर उन्होंने कोरोना काल में अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर काम किया है। इसके बावजूद सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही है। वहीं सचिव खेमिया कुमारी ने कहा कि जब रिपोर्ट जमा करने के लिए विभाग में आते हैं
कोडरमा, जागरण संवाददाता। पांच साल पहले बाल विकास परियोजना के तहत पोषण सखियों की नियुक्ति हुई थी। उन्हें 11 माह से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में अब उन्हें हटाने की चिंता सता रही है। पोषण सखी विभाग में हर माह रिपोर्ट सौंपती थी, लेकिन दो माह से वह रिपोर्ट भी नहीं ली जा रही है। पोषण सखी संघ के अध्यक्ष रीना कुमारी के नेतृत्व में गुरुवार को कई पोषण सखी प्रखंड मुख्यालय पहुंची। उन्होंने विभाग तथा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मानदेय नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन करेंगी।
आंगनबाड़ी सेविकाओं का दर्द
रीना कुमारी ने कहा कि वे आंगनबाड़ी की सेविका तथा सहायिका की हर काम में मदद करती हैं। विभाग के निर्देश पर उन्होंने कोरोना काल में अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर काम किया है। इसके बावजूद सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही है। वहीं सचिव खेमिया कुमारी ने कहा कि जब रिपोर्ट जमा करने के लिए विभाग में आते हैं तो आवंटन नहीं होने की बात कही जाती है। कोषाध्यक्ष नीतू कुमारी ने कहा कि 11 माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है।
मानदेय नहीं देने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी
पोषण सखियों ने निर्णय लिया कि अगर उन्हें शीघ्र मानदेय नहीं दिया गया तो रणनीति तैयार कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वहीं बाल विकास परियोजना कार्यालय कर्मी आशा देवी का कहना है कि आवंटन के लिए विभाग को लिखा गया है। इसके बाद रिपोर्ट ली जाएगी। इस अवसर पर सुमन कुमारी, संध्या कुमारी, सुमित्रा कुमारी, पूजा रजक, उषा देवी, रिंकू देवी, चांदनी परवीन, संतोषी कुमारी, सोनी कुमारी, सरिता कुमारी, गायत्री कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, मुन्नी देवी, नेहा कुमारी, वीणा कुमारी, संगीता कुमारी सहित कई पोषण सखी उपस्थित थीं।