Ranchi: 35 कट्ठा जमीन के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगा पश्चिम बंगाल, 1953 में बिहार सरकार को किराए पर दिया था मित्रा हाउस
पश्चिम बंगाल सरकार रांची के कोकर में स्थित मित्रा हाउस को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है। इस बंगले का कुल रकबा 35 कट्ठा है जिसे पश्चिम बंगाल सरकार ने 1953 में महज 80 रुपये के मासिक किराये पर बिहार सरकार को दिया था। बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद से पश्चिम बंगाल सरकार को किराया मिलना बंद हो गया था।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 18 Oct 2023 12:38 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार रांची के कोकर स्थित अपनी संपत्ति 'मित्रा हाउस' (बंगला) को वापस पाने के लिए कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है। इस बंगले का कुल रकबा (भूमि) 35 कट्ठा है, जिसे बंगाल सरकार ने 1953 में महज 80 रुपये के मासिक किराये पर बिहार सरकार को पट्टे पर दी थी। इसके बाद तत्कालीन बिहार सरकार ने इसमें बिजली विभाग का कार्यालय खोला था, जो आज भी संचालित है।
दरअसल, यह बंगला बंगाल के जमींदार सुधींद्रनाथ मित्रा का निवास था, लेकिन उनका कोई वारिस नहीं होने के कारण सुधींद्रनाथ की वसीयत के मुताबिक, इस संपत्ति की मालिक बंगाल सरकार बन गई।
प. बंगाल ने शुरू की संपत्ति वापस लेने की पहल
इधर, बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद से बंगाल का किराया भी अनियमित हो गया। पिछले 20 वर्ष से किराये की वसूली पूरी तरह से बंद कर दी गई।अब जब यह मामला संज्ञान में आया है, तो बंगाल सरकार झारखंड सरकार के बिजली विभाग से बकाया किराये की वसूली के साथ-साथ अपनी संपत्ति वापस पाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है।
प. बंगाल के प्रशासक सामान्य के पास है जिम्मेदारी
बताते चलें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर बंगाल के प्रशासक सामान्य और आधिकारिक ट्रस्टी विभाग को सुधींद्रनाथ मित्रा की सभी संपत्तियों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है।कलकत्ता और बर्द्धमान में सुधींद्रनाथ द्वारा वसीयत की गई भूमि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली गई, लेकिन राज्य ने रांची स्थित संपत्ति पर ध्यान नहीं दिया।
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