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BH Series Registration: क्या होता है बीएच सीरीज नंबर, कितना होता है रजिस्ट्रेशन चार्ज; आपको भी मिलेगा लाभ?

रांची में बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो गई है। अब तक चार वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बीएच सीरीज से दूसरे राज्य में जाने पर फिर से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ शर्तें हैं जैसे कि वाहन मालिक सरकारी कर्मचारी रक्षा क्षेत्र का कर्मी बैंक कर्मचारी प्रशासनिक सेवा कर्मचारी होना चाहिए।

By Shakti Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 25 Sep 2024 04:00 PM (IST)
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रांची में बीएच सीरीज शुरू, चार वाहनों का हुआ रजिस्ट्रेशन।
शक्ति सिंह, रांची। BH Series Number Plate अब जिले में वाहनों का रजिस्ट्रेशन बीएच सीरीज के रूप में शुरू हो गया है। एक सप्ताह पहले इसकी सेवा शुरू हुई है और अब तक चार वाहनों रजिस्ट्रेशन हुआ है। बीएच सीरीज की सुविधा होने से वाहन मालिकों को काफी सुविधा होगी। वाहनों को पूरे भारत में कहीं भी बिना किसी राज्य की सीमा में चलाने की अनुमति रहेगी।

बीएच सीरीज वाहनों को दूसरे राज्य में ले जाने पर वहां फिर से रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। वर्तमान में दूसरे राज्यों में कर्मियों का ट्रांसफर होने पर वाहनों का उस राज्य में रजिस्ट्रेशन कराने की समस्या होती है। बीएच सीरीज वाहन धारकों की मर्जी और विकल्प पर निर्भर करेगा। इच्छानुसार इसका चयन कर सकता है। इसकी अनिवार्यता नहीं रहेगी। विकल्प के तौर पर इसका चयन कर सकते हैं।

दूसरे राज्य में 12 महीने से ज्यादा रहने पर देना पड़ता है टैक्स:

नियम कहता है कि 12 महीने से ज्यादा समय तक अपने वाहन दूसरे राज्य में रहने पर उसे एनओसी लेकर दूसरे राज्य में टैक्स भरना पड़ता है। इससे वाहन मालिकों को परेशानी होती है। फिलहाल, नई व्यवस्था से रजिस्ट्रेशन के झंझट से छुटकारा मिल सकेगा।

कैसा होता है बीएच नंबर प्लेट?

  • बीएच नंबर प्लेट में सबसे पहले वर्ष को दर्शाया जाता है। इसके बाद बीएच लिखा जाता है। बीएच के बाद गाड़ी का नंबर तब फिर स्टेट को दर्शाया जाता है।
  • साल: बीएच नंबर प्लेट पर सबसे पहले वर्ष को दर्शाया जाता है। पहले दो अंक उस वर्ष को दर्शाया जाता है, जिसमें कार पंजीकृत की गई है।
  • बीएच: साल को दर्शाने के बाद बीएच लिखा जाता है। यह दर्शाता है कि वाहन भारत सीरीज नंबर वाला है।
  • नंब : बीएच के बाद, चार अंकों का नंबर वाहन का लिखा जाता है।
  • अक्षर में स्टेट: सबसे अंत में एक या दो अक्षर एए और जेडजेड के बीच के होंगे। जो राज्य का प्रथम अक्षर होता है।

बीएच के लिए क्या है रजिस्ट्रेशन चार्ज?

बीएच सीरीज नंबर प्लेट को तीन विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। गाड़ी के इन्वायस में अगर कीमत 10 लाख रुपये से कम है तो इसके लिए वाहन की कीमत का 8 प्रतिशत फीस देना होगा। 10 लाख से 20 लाख रुपये के बीच की कीमत वाले वाहन के लिए 10 प्रतिशत तक रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होगा। अगर वाहन की कीमत 20 लाख रुपये से ज्यादा है, तो वाहन की कीमत का 12 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

इन्हें मिलेगा बीएच सीरीज का लाभ:

बीएच सीरीज नंबर प्लेट हर किसी को नहीं मिलती है। इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि वाहन मालिक राज्य और केंद्र सरकार का कर्मचारी हो, रक्षा क्षेत्र का कर्मी हो, बैंक कर्मचारी हो, प्रशासनिक सेवा कर्मचारी हो या चार से ज्यादा राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में आफिस वाली प्राइवेट फर्म का कर्मचारी हो।

आवश्यक दस्तावेज:

इसके लिए वाहन मालिक को पैन कार्ड, आफिशियल आईडी कार्ड (पीएसयू या सरकारी कर्मचारी का आईडी कार्ड, जो भी लागू हो), आधार कार्ड, फार्म 60 (प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए), कंपनी का जीएसटी सर्टिफिकेट होना जरूरी है। बीएच सीरीज निबंधन के लिए जो कागजात की जरूरत रहती है। उनमें अस्थायी निबंधन प्रमाण-पत्र, फार्म 20 (पूर्ण भरा हुआ), 21 व 22, गाड़ी का इन्वायस पेपर, 2 फोटो, मोबाइल नंबर, आनलाइन इंश्योरेंस, आधार, पैन की फोटो कापी, स्वअभिप्रमाणित, (इनवायस पेपर), फार्म 21 शामिल है। इंश्योरेंस में वाहन का क्रय की तिथि एक समान होना चाहिए। सरकारी कार्यालय में कार्यरत आवेदक अधिकारिक पहचान पत्र, सेवा प्रमाण पत्र और वेतन पर्ची की कापी में अपने प्रभारी/अधिकारी से प्रमाणित कर जमा करना होगा।

बीएच सीरिज को लेकर रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। सिर्फ निजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा। कमर्शियल वाहनों के लिए इसकी सुविधा नहीं है। अब तक चार वाहनों का बीएच सीरीज के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है। - अखिलेश कुमार, डीटीओ, रांची

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