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Money Laundering: क्या होता है मनी लांड्रिंग, कैसे कालाधन सफेद करते हैं नेता-अफसर व कारोबारी

Money Laundering झारखंड इन दिनों मनी लांड्रिंग केस के लिए सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल भी चर्चा में था। कई दिग्गज इस समय जेल में बंद हैं। करोड़ों रुपये जब्त किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया है।

By M. EkhlaqueEdited By: M EkhlaqueUpdated: Thu, 03 Nov 2022 05:45 PM (IST)
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Money Laundering: भारत में नेता, नौकरशाह और कारोबारी किस तरह से करते हैं मनी लांड्रिंग, यहां पढ़िए।
रांची, डिजिटल डेस्क। मनी लांड्रिंग (Money Laundering) शब्द इस समय झारखंड ही नहीं पूरे देश में खूब सुनाई दे रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ताबड़तोड़ छापेमारी कर रुपये बरामद कर रही है। आरोपितों पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर रही है। आए दिन नेताओं और नौकरशाहों के घरों से करोड़ों रुपये बरामद हो रहे हैं। कई नेता और नौकरशाह इस समय जेल में बंद हैं। आखिर यह मनी लांड्रिग है क्या? यह शब्द आया कहां से? कैसे कालाधन को सफेद होता है? यह सवाल आपके मन में भी आता होगा।

सबसे पहले अमेरिका में चलन में आया यह शब्द

दरअसल, मनी लांड्रिंग (Money Laundering) शब्द संयुक्त राज्य अमेरिका से आया है। यहीं के माफिया लोगों से यह शब्द पैदा हुआ है। यहां के माफियाओं ने गलत तरीके से जो धन एकत्र किया, उसे कानूनी रूप से सही ठहराने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया, उसे ही आगे चलकर मनी लांड्रिंग (Money Laundering) शब्द दिया गया। नेता, नौकरशाह और बड़े बड़े कारोबारी गलत तरीके से कमाए गए धन को अपनी मेहनत की कमाई बताने के लिए यह गंदा खेल खेलते हैं। चूंकि यह गलत तरीके से एकत्र किया गया धन होता है, सो इसका इस्तेमाल भी गलत कामों में किया जाता है।

भारत में प्रवर्तन निदेशालय के जिम्मे जांच की जिम्मेदारी

वैश्विक स्तर पर मनी लांड्रिंग (Money Laundering) को रोकने के लिए दुनिया के कई देशों ने FATF नामक संगठन भी बनाया है। मनी लांड्रिंग का सहारा टैक्स चोरी के लिए भी किया जाता है। चूंकि इससे सरकार को आर्थिक क्षति होती है, इसलिए सरकारी नजर में यह गलत कार्य माना जाता है। भारत में सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) नामक संगठन बनाया है, इसमें आर्थिक अपराध विशेषज्ञ शामिल हैं। यह संगठन गोपनीय तरीके से जानकारियां एकत्र कर समय समय पर छापेमारी करती है। पकड़े जाने पर रुपये जब्त करती है। आरोपितों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करती है।

झारखंड में मनी लांड्रिंग केस में कई दिग्गज गिरफ्तार

झारखंड में आइएएस पूजा सिंघल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, नेताओं-नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश जैसे कई दिग्गज नेता, अफसर, कारोबारी इस समय मनी लांड्रिंग केस में ही जेल में बंद हैं। यही नहीं यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी मनी लांड्रिंग का आरोप है। यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काे भी पूछताछ के लिए समन भेजा है। अभी उनसे पूछताछ होने वाली है। अगर आरोप साबित हुआ तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।

किसको कहा जाता है Launderer, क्या करता है वह

मनी लांड्रिंग (Money Laundering) के खेल में गलत तरीकों से एकत्र किए गए धन को इस रूप में निवेश किया जाता है, ताकि सरकार को यह पता नहीं चल पाए कि धन का असली स्रोत क्या है। मनी लांड्रिंग (Money Laundering) करने वाले को Launderer कहा जाता है। ये लोग बेहद शातिर होते हैं। निवेश के लिए बड़े-बड़े सीए की मदद लेते हैं। सीए ही यह बताता है कि धन को कहां, कैसे, किसके नाम से निवेश करना है। वह इसके लिए ऐसे दस्तावेज तैयार कर देता है, ताकि सरकार पकड़ नहीं पाए। कई बार निवेश में सावधानी नहीं बरतने के कारण Launderer पकड़ भी लिए जाते हैं। मनी लांड्रिंग (Money Laundering) के लिए शेल कंपनियां बनाई जाती हैं। शेल कंपनियां देखने में एक बड़ी कंपनी नजर आती हैं, लेकिन यह सिर्फ कागज पर ही होती हैं। वास्तव में यह कंपनियां कोई कारोबार नहीं करती हैं।

इस तरह से होता मनी लांड्रिंग (Money Laundering)

नंबर एक: प्लेसमेंट (Placement): मनी लांड्रिंग (Money Laundering) का यह पहला चरण होता है। इसके तहत बाजार में गलत तरीके से एकत्र किए गए धन को निवेश करना होता है। Launderer विभिन्न एजेंटों और बैंकों के माध्यम से सेटिंग कर अपने गलत धन को नकदी रूप में उनके पास जमा कर देता है।

नंबर दो: लेयरिंग (Layering): मनी लांड्रिंग (Money Laundering) का यह दूसरा चरण होता है। Launderer अपनी असली आय को छिपाने के लिए स्टाक, बांड, ट्रैवलर चेक के माध्यम से अथवा विदेशी बैंक खाता में धन जमा कर देता है। ऐसे बैंक खाते उन देशों में खोले जाते हैं जो खाताधारक का विवरण सार्वजनिक नहीं करते हैं।

नंबर तीन: इंटीग्रेशन या एकीकरण (Integration or Integration): मनी लांड्रिंग (Money Laundering) का यह तीसरा चरण होता है। Launderer के गलत तरीके से एकत्र किए गए धन को वित्तीय संस्थान देश की अर्थव्यवस्था में पेश कर देते हैं। इस प्रकार वह कालाधन सफेद बनकर अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन जाता है।

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