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Popular Front of India: पीएफआई को आतंकी साजिश रचने में महारत... खुलेआम करता है देशद्रोह... जामताड़ा-पाकुड़ में पाकिस्‍तान के एजेंट...

Popular Front of India आतंकी गतिविधियों के चलते ही झारखंड में पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया को दोबारा बैन किया गया था। झारखंड पुलिस विशेष शाखा के एडीजी रहते अनुराग गुप्ता ने राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा किया था।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 05:00 AM (IST)
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Popular Front of India: आतंकी गतिविधियों के चलते ही झारखंड में पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया को दोबारा बैन किया गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Popular Front of India आतंकियों के स्लीपर सेल के रूप में झारखंड में अपनी गतिविधियों को संचालित करने के चलते ही पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) को झारखंड सरकार ने 12 फरवरी 2019 को दोबारा प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद से ही पीएफआइ झारखंड में प्रतिबंधित है। यह हुआ था झारखंड पुलिस में एडीजी विशेष शाखा रहते हुए अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट पर। उन्होंने इस संस्था के खिलाफ बड़ी व सनसनीखेज रिपोर्ट डीजीपी को दी थी, जिसके बाद डीजीपी ने तत्कालीन गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को इससे अवगत कराते हुए इस संस्था को तत्काल बैन करने की अनुशंसा की थी, जिसके बाद यह बैन किया गया था। तब इस संस्था की गतिविधियां झारखंड के पाकुड़, साहिबगंज व जामताड़ा में जारी थी, जिसके हजारों सदस्य देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे।

सबसे पहले 21 फरवरी 2018 को सरकार ने किया था बैन

झारखंड सरकार ने सबसे पहले 21 फरवरी 2018 को इस पीएफआइ संगठन को प्रतिबंधित किया था, जिसके खिलाफ यह संगठन हाई कोर्ट चला गया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 27 अगस्त 2018 को इस संगठन से प्रतिबंध हटा दिया गया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वे त्रुटियों को दूर कर पीएफआइ को दोबारा प्रतिबंधित कर सकते हैं। पीएफआइ को प्रतिबंधित करने के लिए तत्कालीन एडीजी विशेष शाखा अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट पर तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने 22 दिसंबर 2017 को राज्य सरकार से अनुशंसा की थी।

झारखंड पुलिस के डीजीपी ने अपनी अनुशंसा में यह तर्क दिया था कि इसके सदस्य आतंकी संगठन आइएस से प्रभावित हैं। ये गोपनीय तरीके से दक्षिण भारत के राज्यों से सीरिया भी जा चुके हैं। ये पाकिस्तान के एजेंट के रूप में झारखंड सहित कई राज्यों में सक्रिय हैं। खुलेआम देश विरोधी बातें करते हैं। इसके बाद ही पहली बार इसे बैन किया गया था। प्रतिबंध मुक्त होने के बाद एक बार फिर राज्य सरकार ने पुरानी त्रुटियों को सुधारते हुए इस संगठन को फिर से बैन कर दिया था।

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