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Ramgarh Vidhan Sabha Seat: रामगढ़ में कौन देगा NDA को चुनौती? कांग्रेस को कैंडिडेट ढूंढने में करनी पड़ रही मशक्कत

Jharkhand Election 2024 झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में कांग्रेस रामगढ़ विधानसभा सीट पर सही उम्मीदवार की तलाश में जुटी है। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ममता देवी ने जीत दर्ज की थी। हालांकि गोला गोलीकांड में कोर्ट का फैसला आने के बाद ममता की विधायकी चली गई थी।

By Ashish Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 24 Jul 2024 11:14 AM (IST)
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रामगढ़ से विधायक रह चुकीं ममता देवी के बाद अब किसी नए उम्मीदवार की जरूरत।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Vidhan Sabha Election 2024 कांग्रेस को एक बार फिर रामगढ़ फतह करने के लिए किसी नए उम्मीदवार की तलाश है। 2019 में विधानसभा चुनाव में ममता देवी ने जीत दर्ज की थी।

हालांकि, गोला गोलीकांड में उनके खिलाफ कोर्ट का फैसला आने के बाद उनकी विधायकी भी चली गई। इसके बाद कांग्रेस ने उनके पति बजरंग महतो को टिकट दिया, लेकिन वो कमाल नहीं कर सके।

रजप्पा में कांग्रेस नेताओं का जुटान

अब एक बार फिर कांग्रेस को नए उम्मीदवार की तलाश है। इसी तलाश में पूरी पार्टी मंगलवार को रजरप्पा में जुटी। तमाम नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे। कांग्रेस के इस संवाद कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे।

सुनीता चौधरी को हराने का मद्दा रखने वाले नेता की तलाश

नए उम्मीदवार में महिला ही हो सकती है, ताकि वे आजसू विधायक सुनीता चौधरी को हरा सके। सुनीता चौधरी सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं।

लगातार 15 साल तक मंत्री रह चुके चंद्रप्रकाश चौधरी ने अपनी पत्नी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाकर जीत हासिल की।

पिछले उपचुनाव में कांग्रेस की चुनौती कमजोर पड़ गई, जब ममता देवी की जगह पर उनके पति को टिकट दिया गया। कांग्रेस रामगढ़ में वापस पैर जमाना चाहती है। कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष कई दावेदार भी आए हैं।

कांग्रेस नेताओं ने की बजट की आलोचना

केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी सतीश पाल मुजनी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि केंद्रीय वित्त मंत्री कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र की ठीक से नकल भी नहीं कर पाईं।

पहली नौकरी पक्की न्याय- के तहत कांग्रेस ने हर शिक्षित युवा को एक लाख की अप्रेंटिसशिप का अधिकार का वादा घोषणापत्र में किया था, जिसकी नकल बजट में करने की कोशिश की गई।

प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि बजट में झारखंड की उपेक्षा करके प्रधानमंत्री ने दिखा दिया कि हक देने के समय वह झारखंड को सबसे निचले पायदान पर रखते हैं।

बाढ़ग्रस्त राज्यों के लिए बजट में प्रावधान किया गया है, लेकिन झारखंड जैसे सूखाग्रस्त राज्य के लिए राहत बजट में नहीं दी गई है।

प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि बजट में घोषणाएं हैं लेकिन उनके लिए कोई ठोस कदम नहीं युवाओं के रोजगार के लिए निजी कंपनियों पर भरोसा किया गया है। मजदूर, किसान विरोधी बजट है।

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