Hemant Soren के आवास पर मिली BMW कार किसकी? ED की लंबी पूछताछ Dheeraj Shahu ने बताया; कही यह बात
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में ईडी ने शनिवार को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से पूछताछ की। पूछताछ के बाद धीरज साहू ने बताया कि पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए धीरज साहू ने कहा यह कोई मामला ही नहीं है। गाड़ी (पूर्व) सीएम (हेमंत सोरेन) की नहीं है। यह किसी और की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में ईडी ने शनिवार को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू, हेमंत के करीबी आर्किटेक्ट विनोद सिंह, हेमंत के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद तथा साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव से भी पूछताछ की।
ईडी के अधिकारी शनिवार को रांची के बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को भौतिक सत्यापन के लिए बरियातू क्षेत्र में स्थित उस भूखंड पर भी ले गए, जिसकी अवैध खरीद-बिक्री के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है।
भानु ने ईडी की टीम के समक्ष स्वीकार किया कि उसने इसी जमीन की मापी अमीन श¨शदर महतो के माध्यम से कराई थी।
धीरज साहू से हुई बीएमडब्ल्यू कार को लेकर पूछताछ
ईडी ने शनिवार को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से बरामद बीएमडब्ल्यू कार के संबंध में लंबी पूछताछ की।
ईडी ने जानना चाहा कि उनकी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड उक्त बीएमडब्ल्यू कार हेमंत के आवास क्यों तथा कैसे पहुंची। इसपर धीरज साहू ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। ईडी ने उनसे और भी कई सवाल पूछे।
किसकी है बीएमडब्ल्यू?
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए धीरज साहू ने कहा, "यह बीएमडब्ल्यू के बारे में था। यह कोई मामला ही नहीं है। गाड़ी (पूर्व) सीएम (हेमंत सोरेन) की नहीं है। यह किसी और की है। उसी को लेकर तहकीकात हो रही थी।"
जब उनसे मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछा गया कि बीएमडब्ल्यू किसकी है, तो उन्होंने कहा, "यह झूठ है, झूठ है। वह मेरी कार नहीं है।"
आर्किटेक्ट विनोद सिंह से वॉट्सऐप चैट के राज खुलवा रही ईडी
हेमंत सोरेन के करीबी आर्किटेक्ट विनोद सिंह से ईडी ने उनसे दूसरे दिन भी उसके मोबाइल से भेजे गए वाट्सएप चैट के बारे में पूछताछ की। विनोद सिंह से ईडी ने लगातार दूसरे दिन उन वाट्सएप चैट से जुड़े सवाल पूछे, जो उसने हेमंत सोरेन को भेजे थे।
इनमें ऐसे दर्जनों मैसेज शामिल हैं, जिनमें किसी अधिकारी को जिले का उपायुक्त बनाने तो किसी को जेल अधीक्षक व किसी को उपविकास आयुक्त या अन्य अधिकारी बनाने की सिफारिश करते हुए इसके एवज में रिश्वत देने की पेशकश की गई थी।
विनोद सिंह के मोबाइल से ईडी को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। उसके आधार पर ईडी आगे अन्य कई प्रशासनिक पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए जल्द ईडी कार्यालय बुला सकती है। विनोद ने हेमंत सोरेन को जेएसएससी परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी वाट्सएप से भेजे थे।
इस संबंध में उससे सवाल किया गया कि वह कौन लोग थे, जिनके एडमिट कार्ड उसने भेजे थे। ईडी को आशंका है कि यह मामला नियुक्ति में गड़बड़ी की ओर भी जा सकता है। आने वाले दिनों में ईडी संबंधित अभ्यर्थियों से भी पूछताछ कर सकती है।
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