Ramdas Soren: क्या चंपई को टक्कर दे देंगे रामदास सोरेन, आखिर हेमंत ने क्यों लगा दिया दांव? पढ़िए जमीनी हकीकत
Jharkhand Politics रामदास सोरेन को शुक्रवार 30 अगस्त को झारखंड सरकार में जल संसाधन विभाग मंत्री बनाया गया। वह घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र से झारखंड विधान सभा के सदस्य हैं। उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिले में दो बार विधान सभा सदस्य के रूप में घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। रामदास सोरेन को चंपई सोरेन के टक्कर का नेता माना जा रहा है।
राज्य ब्यूरो,रांची। Jharkhand Political News Today: हेमंत सोरेन सरकार में 12वें मंत्री बनाए गए रामदास सोरेन संताल आदिवासी समाज से आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी संताल समाज से ही आते हैं। चंपई सोरेन के भाजपा में जाने से कोल्हान में आदिवासी समाज के बीच झामुमो को एक बड़े नेता की तलाश थाी।
इसलिए, अब हेमंत सोरेन ने रामदास सोरेन (Ramdas Soren) को चुना। रामदास सोरेन की छवि भी संघर्षशील आदिवासी नेता के रूप में जाना जाता है। उनकी पकड़ भी आदिवासी वोट बैंक पर अच्छी खासी है।
कोल्हान में डैमेज कंट्रोल करने के लिए रामदास सोरेन को उतारा गया
रामदास सोरेन वर्तमान में घाटशिला से विधायक हैं जो कि पूर्वी सिंहभूम में आता है। वहीं पूर्वी सिंहभूम भी कोल्हान मंडल में आता है। वहीं कोल्हान मंडल में 14 सीटें हैं जो कि आगामी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण सीटें हैं, जहां चंपई के जाने के बाद हेमंत सोरेन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। लेकिन अब झामुमो रामदास सोरेन को वहां से चेहरा बनाकर चंपई के जाने का डैमेज कंट्रोल करना चाह रही है ।
चंपई सोरेन ने कई आंदोलन में भाग लिए
चंपई सोरेन झारखंड आंदोलन के समय से ही झामुमो से जुड़े थे। खासकर शिबू सोरेन के साथ उन्होंने कई आंदाेलन किए हैं जिससे उनका कद बढ़ गया। लेकिन, कद बढ़ने की इस पूरी प्रक्रिया में झामुमो का भी हाथ है। जल, जमीन, जंगल की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए ऐसे कई नेता झामुमो में आगे बढ़ते गए हैं।
चंपई सोरेन अब भाजपा में चले गए हैं तो रामदास सोरेन को आगे कर झामुमो ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। रामदास सोरेन के जरिए झामुमो आदिवासियों को यह संदेश देगी की उनका सम्मान वही कर सकती है। पार्टी की रणनीति है कि रामदास सोरेन को भी चम्पाई जैसा कद बनने लगेगा।