Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bageshwar Baba : झारखंड में कथा कर पाएंगे धीरेंद्र शास्त्री ? हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार से पूछ लिया ये बड़ा सवाल

Bageshwar Baba झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से झारखंड में पिछले दो साल में हुए धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए दी गई अनुमति का ब्योरा मांगा है। अदालत ने मुख्य सचिव को से पूछा है कि राज्य में दो साल में कितने धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी गयी? राज्य में पहले जो धार्मिक आयोजन हुए हैं उसमें जो शर्त लगाई गई थी?

By Manoj Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 05 Jan 2024 09:42 PM (IST)
Hero Image
Bageshwar Baba : हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगी धार्मिक आयोजनों की लिस्ट। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम चौधरी ने राज्य के मुख्य सचिव से राज्य में पिछले दो साल में हुए धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए दी गई अनुमति का ब्योरा मांगा है। अदालत ने मुख्य सचिव को से पूछा है कि राज्य में दो साल में कितने धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी गयी, कितने आवेदन खारिज किए गए।

हाईकोर्ट ने आगे पूछा कि राज्य में पहले जो धार्मिक आयोजन हुए हैं, उसमें जो शर्त लगाई गई थी क्या वही शर्त पलामू में पंडित धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर धाम) के आयोजन में लगाई गई है या कुछ अतिरिक्त शर्त लगाई गई है। आठ फरवरी तक मुख्य सचिव को इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है।

फरवरी प्रस्तावित है धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम 

अदालत ने पलामू के उपायुक्त को हनुमंत कथा आयोजन समिति की ओर से तीन जनवरी को बागेश्वर धाम के कार्यक्रम के लिए जो योजना दी गई है, उस पर एक सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश भी दिया है। पलामू में 10 से 15 फरवरी तक कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है। अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

प्रार्थी ने कोर्ट से क्या कहा ?

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि एक बार फिर कई कारण बताते हुए पलामू डीसी ने बाबा बागेश्वर धाम के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इसके बाद तीन जनवरी को प्रार्थी ने कार्यक्रम की विस्तृत कार्ययोजना उपायुक्त को सौंपी है, जिसपर उपायुक्त ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

पिछली सुनवाई में दिया था यह निर्देश

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पलामू के उपायुक्त को पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के आयोजन के लिए दिए गए आवेदन को दो सप्ताह में निष्पादित करने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ 25 हजार का हर्जाना लगाने की बात अदालत ने कही थी।

यह भी पढ़ें: Cyber Crime: मेवात सेक्सटार्शन तो झारखंड KYC वेरिफिकेशन से संबंधित अपराधों का गढ़, पूरे देश में फैला साइबर अपराधियों का जाल

Lok Sabha Election 2024: I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग को लेकर मचेगी रार! ...इसलिए झारखंड में गठबंधन की गाड़ी पर लग सकता है ब्रेक