Jharkhand Politics: चंपई सोरेन की बगावत से गिर जाएगी हेमंत की सरकार? अबतक कितने विधायकों का मिला साथ
झारखंड की सियासत में भूचाल आया हुआ है। चंपई सोरेन ने अपनी राजनीतिक मंशा साफ कर दी है। उनके मन से JMM उतर चुकी है। अब वह नए रास्ते की तलाश में हैं। हालांकि अंतिम निर्णय होना बाकी है। दूसरी ओर हेमंत की सरकार को लेकर भी तमाम बातें सामने आ रही हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्या चंपई की बगावत से हेमंत को नुकसान होगा?
राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन फिलहाल एकला चलो की राह पर हैं या उनका साथ देने को कोई तैयार नहीं है? कहीं इस मोर्चे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के इस पुराने नेता की रणनीति समय से पहले तो लीक नहीं हो गई या सिर्फ हवा में यह बात उड़ाई गई कि उनके साथ लगभग आधा दर्जन विधायक हैं? ऐसे तमाम सवाल अभी राजनीतिक गलियारे में तैर रहे हैं।
अभी तक की जो स्थिति है, उसमें चंपई सोरेन भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके साथ कोई और नहीं है। जबकि रविवार की सुबह यह बात तेजी से फैली थी कि उनके साथ झामुमो के कई विधायक हैं।
एक-एक कर सबने कर दिया इन्कार
घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन, बहरागोड़ा के समीर मोहंती, खरसावां के दशरथ गगराई, पोटका के संजीव सरदार से लेकर हेमंत कैबिनेट में मंत्री दीपक बिरुवा तक का नाम सामने आया, लेकिन एक-एक कर ना सिर्फ सबने इससे इन्कार कर दिया, बल्कि इन तमाम प्रमुख नेताओं ने यह भी सार्वजनिक तौर पर कहा कि उनकी प्रतिबद्धता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के प्रति है।
क्या गिरेगी हेमंत सरकार?
ऐसे में फिलहाल सत्तारूढ़ झामुमो के विधायकों के पाला बदलने की अटकलों पर विराम लगा है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। चंपई के पाला बदलने के बावजूद अंकगणित सरकार के पक्ष में है। इसके अलावा, विधायकों का रुख देखते हुए यह भी नहीं लग रहा है कि वे उछल-कूद कर सकते हैं।
हालांकि, भाजपा के कुछ नेता अभी भी यह दावा कर रहे हैं कि छह विधायक पाला बदल सकते है, लेकिन ये भी नाम बताने की स्थिति में नहीं हैं।
चंपई सोरेन को क्या मिलेगा?
इसे लेकर भी अभी पूरी तरह स्पष्टता नहीं है कि चंपई सोरेन को दल बदलने के बाद क्या मिलेगा? चर्चा यहीं तक है कि भाजपा उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करेगी। संवैधानिक पद के साथ-साथ पुत्र के लिए पसंदीदा विधानसभा सीट मिलेगी। यानी चंपई सोरेन अपनी राजनीतिक विरासत को इसी बहाने आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। भाजपा ने इसका आश्वासन दिया है।
कई दौर की अंदरूनी बैठकें भी हो चुकी है। मध्यस्थता करने के लिए बंगाल के एक कद्दावर भाजपा नेता को लगाया गया है। कोलकाता में हुई बैठक में भी वे मौजूद थे।
भाजपा के नेता भी हैं सतर्क, रख रहे नजर
चंपई सोरेन को लेकर भाजपा के नेता भी सतर्क हैं। ज्यादा दिक्कत उन नेताओं को है, जो जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में सक्रिय हैं। चंपई के पाला बदलने से इन सीटों का समीकरण प्रभावित होगा। वैसे भाजपा नेताओं की संभावना भी खत्म हो जाएगी, जो सरायकेला व घाटशिला सीट को लेकर उत्सुक थे।
चंपई सोरेन फिलहाल सरायकेला विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। चंपई सोरेन के पुत्र के लिए भी भाजपा को एक सीट देनी होगी, जिससे उक्त सीट पर आस लगाए नेताओं को झटका लगेगा। ऐसी परिस्थिति में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से हेरफेर भी हो सकता है।
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