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Sita Soren: सीता सोरेन के BJP में जाने से JMM को होगा नुकसान? झामुमो नेता बोले- किसी नेता क्या...

Sita Soren Joins BJP लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी को परिवार के सदस्य ने ही बड़ा झटका दिया है। हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गईं। अब ऐसे में सीता सोरेन के भाजपा ज्वाइन करने के बाद झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

By Pradeep singh Edited By: Shashank Shekhar Published: Tue, 19 Mar 2024 08:49 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2024 08:49 PM (IST)
Sita Soren: सीता सोरेन के BJP में जाने से JMM को होगा नुकसान? झामुमो नेता बोले- किसी नेता क्या...

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सीता सोरेन के दल छोड़कर जाने पर सधी प्रतिक्रिया दी है। सीता सोरेन पर पार्टी ने ज्यादा हमलावर होने से परहेज किया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि इसका लोकसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पहले भी मूल पार्टी को छोड़कर जाने वालों का हश्र लोग देख चुके हैं। उन्होंने कई नेताओं के नाम इस क्रम में गिनाए। कहा कि सीता सोरेन को पार्टी ने बहुत सम्मान दिया। ऐसा लगता है कि अति महत्वाकांक्षा में उन्होंने यह कदम उठाया है। दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी ने उन्हें विधायक बनाया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें दल में महत्वपूर्ण पद दिया गया। वे नहीं मानते कि मंत्री नहीं बनाने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी। किसी नेता क्या, कार्यकर्ता के भी दल छोड़ने से क्षति होती है। चुनावी राजनीति की बात है तो उनका दुमका लोकसभा में एक वोट है। इसके अलावा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि यही भाजपा का राजनीतिक स्टाइल हो गया है। अपने पास अगर नेता नहीं हो तो दूसरे पार्टी से ले आओ। आइटी, ईडी और ईडी का डर दिखाकर ले आओ। उन्होंने बोरिया के विधायक लोबिन हेम्ब्रम की नाराजगी और राजमहल से दावेदारी के संदर्भ में कहा कि लोबिन आत्मघाती कदम उठा रहे हैं।

चाटुकारों से घिरा है झामुमो का शीर्ष नेतृत्व- भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को चुनौती दी है कि पार्टी प्रवक्ता सीता सोरेन के पत्र में लगाए गए आरोपों का जवाब दें। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सीता सोरेन को पार्टी के भीतर हमेशा अपमानित किया जाता रहा। उनकी और उनके बेटियों की हमेशा अनदेखी की जाती रही। झामुमो को सीता सोरेन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। दरअसल पार्टी के पास कोई जवाब ही नहीं है।

सीता सोरेन सत्ताधारी गठबंधन में रहने के बावजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाया करती थी। झामुमो को यह बात शुरू से पसंद नहीं आती थी। परिवार में भी जब हिस्सेदारी की बात होती थी तो सीता सोरेन और उनकी बेटियों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहा। झारखंड मुक्ति मोर्चा चाटुकारों से घिरी हुई पार्टी है।

सीता सोरेन के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने ट्विटर हैंडल से उनके लिए घर का भेदी लंका ढाए जैसे अपमानजनक बातों को लिखकर अपनी असलियत दिखा दी। मोर्चा ने स्वीकार कर लिया कि यहां रावण राज के समान परिस्थितियां हैं।

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