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झारखंड में चुनाव से पहले BJP के साथ होगा 'खेला'? सरयू की हेमंत सोरेन से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी टेंशन

विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में सियासी पारा हाई हो गया है। एक ओर जहां चुनाव को लेकर भाजपा की सक्रियता बढ़ी है तो वहीं दूसरी ओर दल के कई विक्षुब्ध नेता अपना धड़ा बनाने की तैयारी में है। ताजा उदाहरण बहरगोड़ा से पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी का इस्तीफा है। इधर सरयू राय ने हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन से मुलाकात की।

By Pradeep singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Fri, 12 Jul 2024 09:17 AM (IST)
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हेमंत सोरेन, सरयू राय और कल्पना सोरेन। फोटो- जागरण

प्रदीप सिंह, रांची। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की बढ़ी सक्रियता के बीच दल के कई विक्षुब्ध नेता मिलकर अपना धड़ा बना सकते हैं। इसमें वैसे लोग शामिल हैं, जिनकी अनदेखी हालिया लोकसभा चुनाव में की गई। वे आगामी विधानसभा चुनाव में भी अपने लिए बेहतर भविष्य नहीं देखते हुए एकजुट हो रहे हैं।

ताजा घटनाक्रम में बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पार्टी छोड़ दी है। षाडंगी जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनने की दौड़ में थे। उन्हें कामयाबी नहीं मिली। उस वक्त उन्होंने पद त्याग दिया था। हाल ही में उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और उनके पुत्र जयंत सिन्हा भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं। जयंत सिन्हा हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने के कारण उदासीन रहे। वे प्रचार अभियान से भी दूर रहे। उन्हें पार्टी की ओर स्पष्टीकरण पूछे जाने पर भी विवाद हुआ। यशवंत सिन्हा की भाजपा विरोध की राजनीति जगजाहिर है।

संताल परगना में नेताओं के बीच आपसी विवाद की चर्चा

धनबाद से ढुलू महतो को टिकट दिए जाने के बाद वहां भी बड़े पैमाने पर नाराजगी देखने को मिली। संताल परगना में भी कई नेताओं के बीच आपस में विवाद है। राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे नेता सक्रिय हैं। इन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सरयू राय से संपर्क साधा है।

सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी से पिछला विधानसभा चुनाव लड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को पराजित किया था। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों जाकर चुनाव प्रचार भी किया था। वे हेमंत सोरेन के पक्ष में चुनाव प्रचार करने दुमका भी गए थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को इससे नुकसान हुआ था। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे नेताओं में तालमेल हुआ तो भाजपा के चुनावी अभियान को धक्का लग सकता है।

हेमंत सोरेन से मुलाकात, नीतीश कुमार से भी एक-दो दिन में मिलेंगे 

सरयू राय ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान उनकी पत्नी गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन भी उपस्थित रहीं। इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारे में सुगबुगाहट बढ़ी है। सरयू राय एक-दो दिन में पटना जाकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात करेंगे।

उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने पहले भी जदयू में आने का आफर दिया है। भाजपा में अलग-थलग चल रहे नेताओं से संपर्क पर उन्होंने कहा कि सबसे हमेशा बात होती रहती है। कई छोटी पार्टियों के लोग भी संपर्क में हैं। चुनाव करीबी आते-आते काफी कुछ स्पष्ट होगा।

अमित शाह से मिले राज्यपाल, झारखंड की हालात पर चर्चा

इधर, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने झारखंड में नई सरकार के गठन और यहां की कानून-व्यवस्था आदि की जानकारी दी। उन्होंने राज्य के विकास के संदर्भ में भी कई विषयों पर चर्चा की। साथ ही उच्च शिक्षा के विकास के लिए राजभवन द्वारा किए जा रहे कार्यों से भी अवगत कराया।

राधाकृष्णन ने तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के विभिन्न विषयों पर भी गृह मंत्री से चर्चा की। बता दें कि राज्यपाल का हाल के दिनों में गृह मंत्री से दूसरी मुलाकात है। 23 जून को भी दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी। उस वक्त उन्होंने लोकसभा चुनाव जीतने और दूसरी बार गृह मंत्री नियुक्त किए जाने पर शाह को बधाई दी।