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Womens Football Championship: खतरे में खिलाड़ियों का भविष्य : झारखंड महिला व पुरुष टीम पर लगा प्रतिबंध

झारखंड फुटबाल संघ (Jharkhand Football Association) के अध्यक्ष नजम अंसारी व महासचिव गुलाम रब्बानी की बीच चल रहे शीत युद्ध के कारण अखिल भारतीय फुटबाल संघ(All India Football Federation) ने झारखंड पुरुष व महिला टीम पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Mon, 22 Nov 2021 08:31 PM (IST)
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Womens Football Championship: खतरे में खिलाड़ियों का भविष्य : झारखंड महिला व पुरुष टीम पर लगा प्रतिबंध
रांची (संजीव रंजन)। Womens Football Championship: झारखंड फुटबाल संघ (Jharkhand Football Association) के अध्यक्ष नजम अंसारी व महासचिव गुलाम रब्बानी की बीच चल रहे शीत युद्ध के कारण अखिल भारतीय फुटबाल संघ(All India Football Federation) ने झारखंड पुरुष व महिला टीम पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के कारण झारखंड पुरुष टीम संतोष ट्राफी व महिला फुटबाल टीम को नेशनल चैंपियन(National Champion) में भाग नहीं ले पायेगी। इस प्रतिबंध के कारण प्रदेश के खिलाड़ियों का भविष्य भी दांव पर लग गया है। दोनों की बीच वर्चस्व की लड़ाई का ही परिणाम रहा कि दोनों ने अलग-अलग टीम नेशनल टूर्नामेंट(National Tournament) के लिए भारतीय फुटबाल संघ के पास भेजी थी।

भारतीय फुटबाल संघ के अभिषेक यादव ने वर्चुअल बैठक कर दोनों को एक ही टीम भेजने का आग्रह भी किया था। इसके लिए अध्यक्ष नजम अंसारी तैयार भी हो गए थे, लेकिन महासचिव गुलाम रब्बानी द्वारा सहमति नहीं देने के कारण झारखंड टीम पर प्रतिबंध लगाया गया। भारतीय फुटबाल संघ का स्पष्ट कहना था कि जो टीम भेजी जाए उसमें अध्यक्ष व महासचिव दोनों के हस्ताक्षर हो।

गुलाम रब्बानी ने इसके लिए रविवार को धनबाद में वार्षिक आमसभा आयोजित कर विद्रोह मित्रा को कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। माना जा रहा है कि अध्यक्ष के हस्ताक्षर के लिए गुलाम रब्बानी ने आनन फानन में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर उनके हस्ताक्षर से टीम भेजने का निर्णय लिया था लेकिन भारतीय फुटबाल संघ ने इसे नहीं माना।

गुलाम रब्बानी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय :

झारखंड फुटबाल संघ (नजम गुट) द्वारा सोमवार को होटवार में आहूत विशेष बैठक में महासचिव गुलाम रब्बानी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया। बैठक में 16 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि महासचिव की मनमानी के कारण ही झारखंड में फुटबाल की गतिविधियां ठप है। जब अध्यक्ष ने फुटबाल को चालू किया तो उन्हें गलत तरीके से बाहर निकालने का कुचक्र किया। प्रतिनिधियों ने कहा कि किस संविधान के तहत उन्होंने यह निर्णय लिया।

भारतीय फुटबाल संघ को लिखा पत्र :

दूसरी ओर नजम अंसारी ने भारतीय फुटबाल संघ के पत्र लिखकर पूछा है कि क्या किसी राज्यसंघ के महासचिव को यह अधिकार है कि जब चाहे व किसी को हटा दें या बैठक बुलाकर निर्णय ले। उन्होंने पत्र द्वारा झारखंड में फुटबाल की दुर्दशा भी बताया है।

सरकार खेल के लिए काफी कुछ कर रही है, लेकिन इसमें खेल संघों को भी सहयोग करना चाहिए: नजम अंसारी

झारखंड फुटबाल संघ के अघ्यक्ष नजम अंसारी ने कहा कि झारखंड फुटबाल टीम पर प्रतिबंध लगना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे यहां के खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर लग गया है। हम तो चाहते थे कि झारखंड के खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम नेशनल टूर्नामेंट में खेले, लेकिन महासचिव की हठधर्मिता के कारण ऐसा हो ना सका। सरकार खेल के विकास के लिए काफी कुछ कर रही है लेकिन इसमें खेल संघों को भी सहयोग करना चाहिए।

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