World Diabetes Day 2024: शहरी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज, जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
पिछले कुछ साल में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसकी मुख्य वजह बदलती लाइफस्टाइल खान-पान और शारीरिक व्यायाम में कमी है। विश्व मधुमेह दिवस को लेकर गुरुवार को सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें आम लोग भी शामिल हो सकते हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day 2024) के रूप में मनाया जाता है। मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिम्स में नए मरीजों के मधुमेह जांच में करीब 60 प्रतिशत तक पॉजटिव रिजल्ट मिल रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि गलत लाइफस्टाइल की वजह से टाइप टू डायबिटीज के मरीज मिल रहे हैं।
रिम्स मेडिसिन विभाग के पूर्व एचओडी डॉ विद्यापति बताते हैं कि दो तरह के मधुमेह के रोगी होते हैं। इसमें टाइप वन और टाइप टू के मरीज शामिल हैं। टाइप वन के मरीज 12 वर्ष की आयु में भी मिलते हैं जो बड़ी समस्या है। वहीं टाइप टू के मरीज अधिक उम्र में मिलते हैं।
शहरी इलाकों में तेजी से बढ़ रहे मरीज
ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में शहरी इलाकों में अधिक मधुमेह के रोगी मिल रहे हैं। जिसका मुख्य कारण बदलते दौर का खानपान और शारीरिक व्यायाम कम करना माना जा रहा है।डॉ विद्यापति बताते हैं कि मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं अगर खानपान में परहेज बंद करने के बाद दोबारा मधुमेह होता है तो यह घातक हो सकता है।
सदर अस्पताल के डॉ. एके झा बताते हैं कि मधुमेह का इलाज इसलिए करते हैं कि मरीज को भविष्य में अपने अंग न गंवाने पड़ें। अगर किसी को डायबिटीज है तो आगे चलकर उसे हार्ट, किडनी, स्ट्रोक, नस और आंख के रेटिना संबंधित परेशानियां हो सकती है। अगर इसे कंट्रोल में रखा जाए तो आगे चलकर दिक्कत कम होगी।रिम्स नेत्र विभाग के एचओडी डॉ. सुनील बताते हैं कि मधुमेह अगर लगातार अनियंत्रित है तो इसका सबसे पहला असर आंखों पर पड़ता है। इसमें आंखों के रेटिना प्रभावित हो सकती है और दृष्टि खोने का खतरा भी रहता है। ॉ
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।डायबिटीज के टाइप और खतरा
- टाइप-वन डायबिटीज जेनेटिक होता है।
- टाइप-टू डायबिटीज में एनवायरनमेंट, लाइफ स्टाइल और जेनेटिक तीनों का समावेश हो सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति को 20 साल तक मधुमेह है और शुरू के 10-15 साल अगर किसी मरीज ने मधुमेह को कंट्रोल में रखा है तो खतरा कम है।
- डायबिटीज होने के बाद शुरू के 5-10 सालों में इनिशियल कंट्रोल नहीं रखा तो आने वाले 5 से 10 सालों में आर्गन डैमेज होने का रिस्क ज्यादा हो जाता है।