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Sahebganj News: कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी; देखें तस्वीरें

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से ही सूर्य देव गंगा घाट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान सफा होड़ आदिवासी के लोग भी गंगा में स्नान कर दीपदान किए और सुख-शांति मांगी। लोग विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर गंगा में दीए छोड़े। इस दौरान गंगा किनारे देव दिवाली भी मनाया गया।

By Shiv Shankar KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 27 Nov 2023 03:17 PM (IST)
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कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
संवाद सहयोगी, साहिबगंज। कार्तिक पूर्णिमा सह देव दीपावली के अवसर पर साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर सोमवार सुबह श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करने उमड़ी हुई थी। जिला मुख्यालय और राजमहल अनुमंडल क्षेत्र स्थित सूर्य देव गंगा घाट पर अहले सुबह से लोगों का आना-जाना लगा रहा।

खास बात इस पूर्णिमा पर सफा होड़ आदिवासी के लोग भी पवित्र गंगा में स्नान कर दीप दान कर सुख-शांति की कामना की। गंगा किनारे लोग विधि-विधान से पूजा कर दीपक गंगा नदी में छोड़ा। गंगा किनारे देव दिवाली मनाया गया।

घाटों पर लगी रही श्रद्धालुओं की भीड़

कोई मिट्टी का दीपक तो कोई नारियल का गुच्छा में दीप जलाकर मां गंगा में दान किए। बरहड़वा निवासी 70 वर्षीय राम नाथ भगत अपनी पत्नि के साथ मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पहुंच गंगा स्नान किया और मां गंगा का चुनरी व साड़ी और पन प्रसाद चढ़ाकर नमन किया।

इसी तरह पहुंचने वाले हर लोग दीपों का दान करना नहीं भूलते थे। मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पहुंचे एक सफा होड़ की जोड़ी पूरे विधि-विधान से गंगा नदी में खड़ा होकर पूजा-अर्चना किया और अपने कुल देवता को याद कर नमन किया।दोनों सफा होड़ आदिवासी सादे वस्त्र में नजर आए।

ये हैं मान्यताएं

कार्तिक माह काफी पवित्र माना जाता है। कार्तिक माह के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा सदियों से है। साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का भी विशेष महत्व बताया गया है।

विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। 

श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या कहा

पत्नि संग बरहड़वा से ट्रेन से सुबह-सुबह मुक्तेश्वर गंगा घाट पहुंचा हूं। हर साल विशेष अवसर पर इस ढ़लती उम्र में भी पहुंच जाता हूं। कार्तिक पूर्णिमा का महत्व हम लोग जानते हैं। इस अवसर पर गंगा स्नान कर लेने से सारे पाप से मुक्ति मिली जाती है। सारे तीर्थ का पुण्य स्नान करने से प्राप्त हो जाता है। मां गंगा में दीपदान किया है। पत्नि संग पूजा-पाठ कर चुनरी स्वरुप साड़ी मां गंगा को भेंट किया। अच्छा लगता है कि यह परंपरा अभी भी बरकरार है, इसे आने वाली पीढ़ी को बरकरार रखना चाहिए।- राम नाथ भगत, बुजूर्ग, बरहड़वा वासी

इस पावन अवसर पर पत्नि संग पूजा-अर्चना करने आया हूं। पुलिस का ड्यूटी बहुत तनाव पूर्ण होता है, लेकिन पूजा-अर्चना करने से मन को शांति की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान कर दीपदान किया है। घर, समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना किया। आज के दिन भगवान विष्णु मत्स्य का अवतार लेकर जग का कल्याण किया था। इस दिन गंगा में दीपदान का महत्व अधिक बढ़ जाता है। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से परिवार सभी लोग स्वस्थ्य हैं।- सुनील शर्मा, सिपाही, पुलिस मेंस एशोसिएशन

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