Diwali 2023: झारखंड के इस मंदिर का अनोखा है इतिहास, यहां रथ खींचने से भक्तों की भर जाती है झोली!
साहिबगंज में मां काली की मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। कई सालों से यहां पर भक्त मां काली की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। मां काली की 16 फीट ऊंची प्रतिमा हर साल तैयार किया जाता रहा है। हालांकि इस साल सिर्फ 13 फीट की प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि यहां बम काली की रथ खींचने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।
By Om PrakashEdited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 07 Nov 2023 03:50 PM (IST)
संवाद सहयोगी, साहिबगंज। काली पूजा को लेकर सभी पंडालों में पूजा की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है।भव्य पंडाल के साथ-साथ प्रतिमा का निर्माण तेजी से चल रहा है।
शहर में गुल्लीभट्टा, दहला, बड़तल्ला स्ट्रीट, शीतला स्थान, चौक बाजार, वायसी स्थान सहित डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है।गुल्लीभट्टा बम काली पूजा समिति द्वारा भी पूजा की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। इस बार बम काली पूजा समिति द्वारा पूजा में तकरीबन 15 लाख रुपये खर्च करने का अनुमान है।
1930 से शुरू हुई थी बम काली की पूजा
जानकारी के मुताबिक, बम काली की पूजा 1930 से शुरू हुई थी। समिति द्वारा तकरीबन 16 फीट का प्रतिमा तैयार किया जाता रहा है, लेकिन इस बार कई स्थानों पर विसर्जन के दौरान दिक्कत होने की वजह से हाइट कम कर 13 फीट कर दिया गया है। कलाकार द्वारा प्रतिमा का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।वहीं, भव्य पंडाल तथा आकर्षक लाइट लगाने की तैयारी भी चल रही है। केवल पंडाल और लाइटिंग में 7 लाख का खर्च किया जा रहा है। बम काली के विसर्जन जुलूस में शहर के हर क्षेत्र के लोग शामिल होते हैं। मां काली का रथ खींचते हैं।
सभी प्रतिमा विसर्जन के बाद होता है बम काली का विसर्जन
रथ खींचने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु विसर्जन जुलूस में शामिल होते हैं। मान्यता है कि बम काली के रथ खींचने से भक्तों की मुरादे पूरी होती है। हर बार बम काली का विसर्जन सभी प्रतिमा विसर्जन के एक दिन बाद किया जाता है, जिससे की शहर के हर लोग बम काली की प्रतिमा विसर्जन जुलूस में शामिल हो सके।
इस बार अब तक बम काली पूजा की विसर्जन किस दिन किया जाएगा, यह तय नहीं हो पाया है क्योंकि प्रशासन द्वारा कहा गया है कि 14 तारीख को सभी प्रतिमा के साथ बम काली का भी विसर्जन किया जाना है। हालांकि, समिति द्वारा प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि एक दिन बाद बम काली प्रतिमा का विसर्जन जुलूस निकालने का आदेश दिया जाए।
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