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Barhait Vidhan Sabha: हेमंत सोरेन की सीट पर क्या है BJP का प्लान? आज तक नहीं खुला खाता; पढ़ें रिपोर्ट

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा बरहेट विधानसभा सीट से नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। वर्तमान में यहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और झामुमो का गढ़ मानी जाती है। भाजपा अब तक यहां जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इस बार गमालियल हेम्ब्रम और मंडल मुर्मू जैसे नए नामों पर चर्चा चल रही है।

By Pranesh Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 17 Oct 2024 03:41 PM (IST)
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हेमंत सोरेन की सीट पर बीजेपी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। फाइल फोटो- ANI
डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। Jharkhand Election 2024 राज्य के सबसे हाट विधानसभा क्षेत्रों में शुमार बरहेट (Barhait Vidhan Sabha Seat) में इस बार भाजपा नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। वर्तमान में यहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) विधायक हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित यह सीट झामुमो (JMM) की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। आज तक यहां भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका है।

गत दो बार से हेमंत सोरेन यहां से चुनाव जीत रहे हैं। 1990 में हेमलाल मुर्मू ने कांग्रेस प्रत्याशी थामस हांसदा से यह सीट छीन ली थी। इसके बाद से इस विधानसभा सीट पर लगातार झामुमो का कब्जा है। 2005 तक हेमलाल यहां के विधायक रहे। 2004 में उनके सांसद बनने की वजह से झामुमो ने थामस सोरेन को यहां से टिकट दिया।

2014 और 2019 में क्या हुआ?

2009 में हेमलाल पुन: यहां से विधायक चुने गए। 2014 में हेमलाल भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसे देखते हुए 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पुन: अपने पुराने सेनापति तथा आदिम जनजाति समुदाय से आने वाले सिमोन मालतो को मैदान में उतारा लेकिन वह भी कोई करिश्मा नहीं दिखा सके।

इससे पूर्व वह 2005 में भाजपा तथा 2014 में झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में अब उन्हें भाजपा का टिकट मिलने की उम्मीद कम ही है।

हेमंत बरहेट से लड़ेंगे चुनाव?

इधर, इस बार हेमलाल पुन: घर वापसी कर चुके हैं और हेमंत साेरेन का यहां से चुनाव लड़ना करीब-करीब तय है। ऐसे में उन्हें पटखनी देने के लिए भाजपा किसी मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है। इस क्रम में गमालियल हेम्ब्रम व मंडल मुर्मू जैसे नए नामों पर भाजपा में चर्चा चल रही है।

गमालियल हेम्ब्रम पिछली बार आजसू के टिकट पर मैदान में थे। हालांकि, मात्र 2573 मत मिले। बरहेट में प्रत्येक साल उनके द्वारा फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाता है। इसमें देश विदेश के खिलाड़ी भाग लेते हैं। उधर, मंडल मुर्मू सिदो कान्हु के वंशज हैं। उनके वंशज को टिकट देकर भाजपा संताल परगना में एक संदेश दे सकती है। ऐसे में लोगों की नजर बरहेट विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

बढ़ता जा रहा जीत का अंतर:

बरहेट में झामुमो की जीत का अंतर बढ़ता ही जा रहा है। 2014 के चुनाव में यहां झामुमो को 46.18 प्रतिशत तो भाजपा को 28.38 प्रतिशत मत मिले थे। यानी जीत का अंतर 18.12 प्रतिशत था जो 2019 में बढ़कर 18.67 प्रतिशत हो गया। ऐसे में इस सीट को लेकर भाजपा काफी चिंतित है।

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