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Jharkhand News: बांग्लादेशी घुसपैठियों पर एक्शन की तैयारी में प्रशासन, पहचान के लिए जल्द गठित करेगा कमिटी

बाग्लादेशी घुसपैठियों पर झारखंड हाईकोर्ट द्वारा उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद साहिबगंज जिला प्रशासन अपनी तैयारी में जुट गया है। मामले की जांच के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का प्रस्ताव है जिसमें अपर समाहर्ता और ईआरओ शामिल होंगे। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी होने और जांच शुरू होने की उम्मीद है।

By Pranesh Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 07 Jul 2024 02:13 PM (IST)
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बांग्लादेशी घुसपैठियों पर एक्शन की तैयारी में साहिबगंज प्रशासन। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। झारखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद लंबे समय से जिले में उठ रहा बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला इस बार अंजाम तक पहुंच सकता है।

हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगे जाने की बात सामने आने के बाद जिला प्रशासन अपनी तैयारी में जुट चुका है। हालांकि, इस संबंध में जिला प्रशासन को सरकार या कोर्ट की ओर से अब तक किसी प्रकार का आदेश-निर्देश नहीं मिला है।

इधर, मामले की जांच के लिए उप विकास आयुक्त सतीश चंद्रा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का प्रस्ताव है, जिसमें अपर समाहर्ता राज माहेश्वर व ईआरओ (निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी) शामिल होंगे।

राजमहल विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी राजमहल एसडीओ, बरहेट के निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी स्वयं अपर समाहर्ता राज महेश्वरम व बोरियो के ईआरओ सदर एसडीओ अंगारनाथ स्वर्णकार हैं। ऐसे में जल्द ही इस संबंध में आदेश निर्गत होने व जांच शुरू होने की उम्मीद है।

राजमहल विधायक ने की थी शिकायत

पिछले दिनों राजमहल विधायक अनंत ओझा ने चुनाव आयोग के पदाधिकारियों से मुलाकात कर राजमहल विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर मतदाताओं की संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़ने की शिकायत की थी।

विधायक के अनुसार, राजमहल विधानसभा क्षेत्र के 187 नंबर मतदान केंद्र (प्रखंड परिसर) पर 2019 में 672 मतदाता थे, जिनकी संख्या इस साल के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 1461 हो गई।

इसी तरह बूथ नंबर 208 (मानसिंघा मदरसा) पर 2019 में 754 मतदाता थे जिनकी संख्या इस बार बढ़कर 1189 हो गई। बूथ संख्या 225 पर मतदाताओं की संख्या 820 से बढ़कर 1243 हो गई।

इस तरह के कई बूथ हैं जहां मतदाताओं की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। विधायक का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से इस तरह की स्थिति पैदा हुई है।

चिह्नित किए गए थे बांग्लादेशी घुसपैठिए

1990 के दशक में साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात सामने आयी थी। इसके बाद तत्कालीन उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर मतदाता सूची की गहन छानबीन की गई थी। इस दौरान करीब 16 हजार संदिग्ध लोगों का नाम मतदाता सूची से काटा गया था।

बताया जाता है कि नाम तो काट दिया गया था लेकिन उनपर न तो किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई की गई थी और न ही उन्हें वापस भेजा जा सका है।

इस स्थिति में जिनका नाम कटा था उन्होंने अपना अपना नाम पुन: धीरे धीरे मतदाता सूची में शामिल करा लिया और वह संख्या आज लाखों में पहुंच चुकी है।

क्या कहते हैं साहिबगंज उपायुक्त?

मीडिया के माध्यम से ही कोर्ट के आदेश की जानकारी मिली है। इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम का गठन किया जाएगा। इसमें डीडीसी, अपर समाहर्ता व ईआरओ (निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी) शामिल होंगे। जांच का आधार मतदाता सूची, आधार, जमीन के दस्तावेज आदि को बनाया जाएगा।

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