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Jharkhand Election: 2017 में की घर वापसी, फिर बने RSS के स्वयंसेवक; अब हेमंत से लोहा लेंगे गमालियल

बरहेट विधानसभा सीट से भाजपा ने आरएसएस स्वयंसेवक गमालियल हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है। गमालियल जन्म से आदिवासी हैं लेकिन उनके स्वजनों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। 2017 में पूरे परिवार ने घर वापसी की और तब से गमालियल संघ के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। वह मतांतरण और घुसपैठ जैसे मुद्दों पर मुखर रहते हैं। अब वह झामुमो के अभेद्य किला बरहेट को ध्वस्त करने की तैयारी में हैं।

By Pranesh Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 28 Oct 2024 04:22 PM (IST)
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बरहेट सीट से जेएमएम कैंडिडेट हेमंत सोरेन और बीजेपी प्रत्याशी गमालियल हेम्ब्रम (फाइल फोटो)
डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को हराने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की भाजपा की तलाश पूरी हो गई है। बरहेट विधानसभा सीट से भाजपा ने आरएसएस स्वयंसेवक गमालियल हेम्ब्रम को हेमंत के खिलाफ मैदान में उतारा है। गमालियल जन्म से आदिवासी हैं, लेकिन उनके स्वजनों ने ईसाई धर्म अपना लिया था।

आरएसएस (RSS) के संपर्क में आने के बाद 2017 में पूरे परिवार ने घर वापसी की। तब से 33 वर्षीय गमालियल संघ के ऊर्जावान स्वयंसेवक हैं और मतांतरण व घुसपैठ जैसी संताल की गंभीर समस्या पर हमेशा मुखर रहते हैं। इन्हीं मुद्दों पर अब वह झामुमो के अभेद्य किला बरहेट (एसटी रिजर्व) को ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गए हैं, यहां हेमंत सोरेन तीसरी बार झामुमो के उम्मीदवार हैं।

क्लब से की लोगों की सेवा:

गमालियल हेम्ब्रम (Gamaliyal Hembrom) पारा शिक्षक के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। समाजसेवा के लिए नौकरी छोड़ दी थी। गमाल जयहिंद क्लब पेटखस्सा के माध्यम से क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करते हैं। क्लब प्रत्येक वर्ष राज्य स्थापना दिवस पर फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन करता है जिसमें श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, नाइजीरिया, भूटान जैसे देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं।

जयहिंद क्लब का अपना यू ट्यूब चैनल भी है जिसके हजारों सब्सक्राइबर हैं। गमालियल की पत्नी विनिता टुडू वर्तमान में बरहेट की खैरवा पंचायत की मुखिया हैं। यह उनका दूसरा कार्यकाल है। गमालियल के अनुसार, संताल परगना में उसके क्लब के साढ़े आठ हजार सदस्य हैं। क्लब खैरवा पंचायत भवन व सामुदायिक भवन पेटखस्सा में रात्रि पाठशाला का संचालन करता है। कुल डेढ़ सौ बच्चे दोनों जगह हैं।

रक्तदान शिविर लगाने पर 2021 में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने क्लब के पदाधिकारियों को सम्मानित किया था। क्लब द्वारा 2018 में आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में तत्कालीन खेल मंत्री अमर बाउरी भी शामिल हुए थे। उन्होंने तीन लाख रुपये का पुरस्कार क्लब को दिया था। गमालियल हेम्ब्रम के अनुसार लाकडाउन के दौरान क्लब ने 2300 लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई थी।

बरहेट की चुनौती:

बरहेट (Barhait Assembly Seat) में आज तक भाजपा का खाता नहीं खुल सका है। यहां झामुमो का एकछत्र साम्राज्य है, इसे समाप्त करने के लिए संघ लंबे समय से काम कर रहा है। क्षेत्र में गमालियल की लोकप्रियता को देखते हुए संघ के तत्कालीन विभाग प्रचारक बिगेंद्र कुमार उन्हें संघ में लेकर आए थे। शिवगादी में आयोजित गायत्री परिवार के हवन यज्ञ में गमालियल का पूरा परिवार शामिल हुआ। 2019 में भी संघ के पदाधिकारियों ने उनको टिकट दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।

गमालियल आजसू (AJSU) से चुनाव मैदान में उतरे, तब उन्हें मात्र 2573 मत मिले और वह चौथे स्थान पर रहा। बाद में गमालियल हेम्ब्रम को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नियुक्त किया गया। इस बार काफी विचार-विमर्श के बाद भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है। टिकट की घोषणा होते ही संघ के स्वयंसेवक क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।

कल नामांकन करेंगे गमालियल

बरहेट से भाजपा प्रत्याशी गमालियल हेम्ब्रम मंगलवार को सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट में बरहेट के निर्वाची पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता गौतम भगत के समक्ष नामांकन करेंगे। इसके बाद बरहेट के पेटखस्सा मैदान में सभा होगी। इसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी शामिल होंगे। बाबूलाल दोपहर 2.25 बजे भोगनाडीह पहुंचेंगे। वहां पेटखस्सा फुटबॉल मैदान में आयोजित सभा में शामिल होंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हैलीकाप्टर से पुन: रांची लौट जाएंगे।

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