Jharkhand: खनन घोटाले की जांच के लिए साहिबगंज आएगी CBI की टीम, विजय हांसदा केस में भी करेगी पूछताछ
पत्थर खनन घोटाले और ईडी के गवाह विजय हांसदा को मैनेज करने के मामले की जांच के लिए रांची से सीबीआई की टीम गुरुवार को साहिबगंज पहुंचेगी। सीबीआई ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने को कहा है। टीम के सुबह में वनांचल एक्सप्रेस से आने की उम्मीद जताई जा रही है। टीम के लिए पुराने सर्किट हाउस में चार कमरों को आरक्षित रखा गया है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 23 Aug 2023 11:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, साहिबगंज: पत्थर खनन घोटाले और ईडी के गवाह विजय हांसदा को मैनेज करने के मामले की जांच के लिए रांची से सीबीआई की टीम गुरुवार की सुबह साबिगंज पहुंचेगी। सीबीआई ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने को कहा है। टीम के सुबह में वनांचल एक्सप्रेस से साहिबगंज आने की उम्मीद जताई जा रही है। टीम के लिए पुराने सर्किट हाउस में चार कमरों को आरक्षित रखा गया है।
सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने खनन विभाग से भी कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। इसके आलोक में बुधवार को खनन विभाग मिर्जाचौकी अंचल के सिमरिया मौजा (नींबू पहाड़) व उसके आसपास की पत्थर खदानों का दस्तावेज को छांट कर रखा है।
खनन पदाधिकारी से मुलाकात करेगी टीम
यहां आने के बाद टीम जिला खनन पदाधिकारी से मुलाकात कर सकती है। इसके बाद सिमरिया मौजा का निरीक्षण कर सकती है। इसके बाद संबंधित लोगों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए सर्किट हाउस में ही बुला सकती है।हांसदा ने पंकज मिश्रा पर अवैध खनन का लगाया था आरोप
गौरतलब हो कि विजय हांसदा के नाम से दो मई 2022 को ऑनलाइन आवेदन पुलिस को प्राथमिकी के लिए दिया गया था। इसमें बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल पर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करने का आरोप लगाया गया था।
मारपीट जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का आरोप
उसका कहना था कि विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई तथा जातिसूचक शब्दों का उपयोग किया गया। इस आवेदन पर प्राथमिकी नहीं हुई। दोबारा विजय हांसदा के नाम से 30 जून 2022 काे कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया गया। इस बार भी काफी दिनों तक मामला पड़ा रहा। इसी बीच ईडी ने साहिबगंज में छापेमारी की। बाद में पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।पहले केस वापस लेने के लिए दिया आवेदन फिर...
मामले के चर्चा में आने के बाद शिकायतवाद के आधार पर एससी-एसटी थाने में केस हुआ। इसी बीच आर्म्स एक्ट में पुलिस ने विजय हांसदा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तब विजय हांसदा ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में एक आवेदन दिया, जिसमें उसने कहा कि वह केस नहीं लड़ना चाहता है।इसके कुछ दिन बाद ही उसके नाम से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमें मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई। अब पुन: 16 अगस्त को उसने हाईकोर्ट में अपनी याचिका वापस लेने के लिए आवेदन दे दिया। इस वजह से मामला संदिग्ध हो गया और पूरे मामले की जांच सीबीआई को करने का निर्देश कोर्ट ने दे दिया।
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