Sahibganj Land Scam: साहिबगंज में रांची से भी बड़ा जमीन घोटाला, मिलीभगत से बेच दी सैंकड़ों एकड़ सरकारी भूमि
झारखंड के साहिबगंज में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन बेच दी गई है। भूमि माफियाओं ने सरकारी जमीन को भी नहीं छोड़ा है। कई सरकारी जमीन तीन-तीन चार-चार बार बेची गई हैं। इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा है। साहिबगंज उपायुक्त ने कहा है कि मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी।
डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। झारखंड के साहिबगंज जिले में रांची से भी बड़ा जमीन घोटाला हुआ है। अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि (अनाबादी) बेच दी गई है। भूमि माफियों ने रास्ता, तालाब, पोखर, गोचर जमीन को भी नहीं छोड़ा।
अंचलाधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल के उसका दाखिल- खारिज भी कर दिया। कई सरकारी जमीन तीन-तीन, चार-चार बार बेची गई।जब 1932 के खतियान से उसका मिलान किया गया तो पता चला कि वह जमीन किसी भी सूरत में बिक ही नहीं सकती। सबसे ज्यादा गड़बड़ी राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में हुई।
दैनिक जागरण की पड़ताल के दौरान कई खतियान व रजिस्टर हाथ लगे हैं, जिससे इन गड़बड़ी की पुष्टि होती है। अधिकारी भी उन दस्तावेजों को देखकर आश्चर्यचकित हैं।
कहां-कहां गड़बड़ी के सबूत मिले
बरहड़वा अंचल के सिरासिन मौजा का खाता नंबर 187 अनाबादी है। इस खाता में कुल 121 बीघा, 12 कट्ठा, 19 धुर जमीन है। यह पोखर, तालाब, रास्ता आदि है, लेकिन इनमें से करीब 60 बीघा जमीन लोगों ने अपने नाम करा लिया। बाद में संबंधित अंचलाधिकारियों ने उसका म्युटेशन भी कर दिया। यह खेल 1976-77 से ही चल रहा है। ज्यादा म्युटेशन 2015-2016 में हुआ है।बरहड़वा अंचल के ही थोपग्राम मौजा में 334 नंबर खाता अनाबादी है। इस मौजा में कुल 252 बीघा, 13 कट्ठा, 15 धुर जमीन है। 16 लोगों ने इनमें से करीब 52 बीघा जमीन का निबंधन अपने नाम करा लिया है।भीमपाड़ा मौजा का खाता नंबर 270 भी अनाबादी है। इसमें कुल 142 बीघा, तीन धुर जमीन है। इनमें से करीब 68 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई।बरहड़वा अंचल के ही चकिटवा कन्हाईडांगा का खाता नंबर 42 अनाबादी है। इसमें मात्र 16 बीघा दो धुर जमीन है। इनमें से तीन बीघा आठ कठ्ठा 12 धुर जमीन एक व्यक्ति ने रजिस्ट्री करा ली।
जानकार लोगों का कहना है कि जिले में करीब 1771 मौजा हैं जिनमें राजमहल अनुमंडल में 370 मौजा विक्रयशील है। इन्हीं मौजा की जमीन की खरीद बिक्री हुई।अगर प्रत्येक मौजा में कम से कम 20 बीघा भी अनाबादी जमीन की हेराफेरी हुई होगी तो यह आंकड़ा 7400 बीघा होता है। वैसे कुल कितनी जमीन की हेराफेरी हुई है यह विस्तृत जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
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